आर्थराइटिस के दर्द को छूमंतर कर देंगी खाने में करे ये शामिल

Update: 2022-11-15 03:14 GMT

क्या आप भी अक्सर घुटनों, जोड़ों या फिर पीठ के दर्द से जूझती हैं? तो आप भी यह सोचती होंगी कि इस दर्द के पीछे क्या कारण है और इसका क्या इलाज है। इसमें कोई शक़ नहीं कि यह दर्द आपकी पूरी सेहत को प्रभावित करता है, खासतौर पर घुटनों और जोड़ों को।

कुछ लोग इस दर्द को बढ़े हुए वज़न, चोट, सूजन या फिर आर्थराइटिस को ज़िम्मेदार ठहराते हैं। इस बीमारी का इलाज सिर्फ डाइट में कुछ बदलाव, दवाइयां, बाम से ही ठीक होना संभव नहीं है। आर्थराइटिस और घुटने के दर्द के लिए डाइट में होलिस्टिक बदलाव और लाइफस्टाइल में सुधार की सलाह देते हैं।

लहसुन और प्याज़

तेज़ सुगंध और स्वाद वाले लहसुन और प्याज़, शरीर के दर्द का नैचुरल इलाज हैं। यही वजह है कि दर्द के लिए पारंपरिक तौर पर लहसुन और सरसों के तेल को गर्म कर लगाया जाता था। लहसुन में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने का काम करते हैं। प्याज़ भी खनीज से भरपूर होती है, जो शरीर और जोड़ों के दर्द को कम करने का काम करते हैं।

वसा युक्त मछली

टूना, सैल्मन और मैकेरल जैसी मछलियां प्रोटीन के बड़े स्रोत हैं और गठिया के दर्द और सूजन को ठीक करने के लिए वसायुक्त मछलियों से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन-डी की उपस्थिति मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाने और कोशिकाओं के साथ-साथ ऊतकों के पुनर्जनन में मदद करती है।

ग्रीन-टी

एक कप ग्रीन-टी पीने से न सिर्फ वेट लॉस में मदद मिल सकती है, बल्कि सूजन, जोड़ों और घुटनों के दर्द को भी कम करने में मदद मिलती है। ऐसा इसमें मौजूद इंफ्लामेटरी केमिकल्स की वजह से होता है, जो जोड़ों की सेहत का ख्याल रखते हैं।

बेरीज़

एंटीऑक्सीडेंट्स, खनीज और विटामिन्स से भरपूर बेरीज़ रोज़ाना खाने से सूजन, दर्द कम होता है और एंथोसायनिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट की उपस्थिति के कारण कोशिकाओं और ऊतकों की मरम्मत को बढ़ावा मिलता है, जिसमें विरोधी भड़काऊ गुण होते हैं।

हरी पत्तेदार सब्ज़ियां

पालक, केल, ब्रोकली जैसी हरी पत्तेदार सब्ज़ियों को ज़्यादातर लोग पसंद नहीं करते। हालांकि, ये फाइबर, विटामिन और खरीज पदार्थों से भरपूर होती हैं, जो आर्थराइटिस में दर्द और सूजन को कम करने का काम करते हैं। नैचुरल रूप से विटामिन-ई और सी से भरपूर, पत्तेदार साग का सेवन कोलाजन के विकास में मदद करता है, जो कार्टिलेज को मज़बूत करने में मदद करता है और जोड़ों के लचीलेपन को बढ़ाता है।


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