चाय कई प्रकार की होती है, लेकिन कभी देखी है Blue Tea, स्वाद ऐसा की बार- बार पिने कको करेगा मन

Blue Tea

Update: 2021-04-23 06:33 GMT

भारत में चाय सबसे ज्यादा पिए जाने वाले पेय पदार्थों में से एक है. हर गली-नुक्कड़ पर खुली चाय की दुकानें और वहां बैठकर चर्चा करते लोग इस बात का सबूत हैं. दुनियाभर में चाय की कई वैरायटी मिलती हैं. ग्रीन टी, ब्लैक टी, रेड टी वगैरह. पर क्या आपने कभी ब्लू टी के बारे में सुना है? अरे घबराइए मत इसे ब्लू कलर डाल कर नहीं बनाया जाता है, बल्कि ये तो पूरी तरह नेचुरल होती है.


स्वास्थ्य की तरफ लोगों की जागरूकता बढ़ने से मार्केट में इन दिनों कई तरह की हर्बल टी का भी चलन बढ़ा है. इन्हीं में से एक है ब्लू टी (Blue Tea) यानी नीली चाय. ब्लू टी नाम से ही आपको काफी फैंसी लग रहा होगा, देखने में भी यह चाय उतनी ही फैंसी है. तो चलिए अब आपको बताते हैं कि ये कलरफुल ब्लू टी क्या बला है. ब्लू टी को फूलों से तैयार किया जाता है. ये चाय अपराजिता के फूलों (Aparajita Flower) से तैयार की जाती है.

इसे बटरफ्लाई टी भी कहा जाता है
ब्लू टी की खास बात ये होती है कि इसमें कैफीन बिल्कुल भी नहीं होता. ब्लू टी का संबंध दक्षिण—पूर्व एशिया से है और इसे बटरफ्लाई टी भी कहा जाता है. थाईलैंड, वियतनाम, बाली और मलेशिया में यह चाय सदियों से पी जाती रही है. हेल्थ के लिहाज से इस चाय के कई फायदे हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए भी ये चाय काफी फायदेमंद मानी जाती है. ये ना सिर्फ वजन घटाने में मदद करती है बल्कि बॉडी डिटॉक्स कर एनर्जी बूस्टर का भी काम करती है.

इसके अलावा भी ब्लू टी के कई फायदे हैं. अब आप सोच रहे होंगे इतने फायदे तो बता दिए पर इसे बनाया कैसे जाता है. ब्लू टी को बनाना भी बेहद आसान है. बस एक कप गर्म पानी में अपराजिता के थोड़े से फूल डाल दें. इसे अच्छी तरह से उबालने के बाद छानो और पी जाओ. तो अगली बार इसके कलर को देख कर हैरान होने या इसे कोई एलियन ड्रिंक समझने की जगह ब्लू टी पीने की शुरुआत कीजिए.
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