हममें से हर कोई फ़िट बने रहना चाहता है. लगभग हर कोई जीवन में कभी न कभी इतना सीरियस होता है कि फ़िट होने के लिए जिम जॉइन करता है. पर ज़्यादातर लोग कुछ दिनों तक रेग्युलर जिम जाने के बाद दोबारा पुराने ढर्रे पर लौट आते हैं. कारण, जिम में की जानेवाली एक ही तरह की गतिविधियां कुछ समय बाद नीरस-सी लगने लगती हैं. और शुरुआती उत्साह काफ़ूर हो जाता है. इन दिनों फ़िट रहने के लिए अलग-अलग इंट्रेस्टिंग ऐक्टिविटीज़ को लाइफ़ स्टाइल का हिस्सा बनाने का चलन बढ़ा है. ऐसी ही एक ऐक्टिवटी है डांसिंग. डांस न केवल एक मज़ेदार गतिविधि है, बल्कि फ़िट रहने का एक रास्ता डांस से होकर भी जाता है. आइए इस रास्ते की पड़ताल करते हैं.
आजकल मेट्रोज़ में डांस फ़्लोर वह जगह बनते जा रहे हैं, जहां फ़िटनेस प्रेमी अपना पसीना बहाने को वरीयता देने लगे हैं. वर्कआउट के तौर पर डांस की लोकप्रियता इसलिए भी बढ़ रही है, क्योंकि यह फ़ैट बर्न करने के इस तरीक़े से दूसरे फ़ायदे भी जुड़े हैं. परफ़ॉर्मिंग आर्ट के सबसे पुराने तरीक़ों में एक डांस के दौरान मस्तिष्क, शरीर और आत्मा का मिलन होता है. इस तरह यह एक्सरसाइज़ का एक तरीक़ा होने के साथ-साथ अपने शरीर से संपर्क करने का एक बेहतरीन माध्यम भी बन जाता है. इसकी एक अच्छी बात यह भी है कि यह ज़रा भी बोरिंग गतिविधि नहीं है. यानी शुरुआती कुछ दिनों के बाद इससे आपका प्यार बढ़ता ही जाता है. आप जैसे-जैसे डांस की बारीक़ियों को समझने लगते हैं, इसके खुमार में डूबते चले जाते हैं. और जितना अधिक डांस करते हैं, उतना अधिक फ़िट रहते हैं.
आइए डांस के कुछ फ़ायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं, जो इसे बेहतरीन फ़िटनेस ऐक्टिविटीज़ में से एक बनाते हैं.
टोटल फ़िटनेस का रास्ता डांस से होकर जाता है
वज़न घटाने में मिलती है मदद
जिम जॉइन करने या डाइटिंग पर जानेवाले ज़्यादातर लोगों का मक़सद होता है अपने बढ़े हुए वज़न को कम करना. यदि आप भी वज़न कम करना चाहते हैं तो डांस एक बेहतरीन विकल्प है. हां, इसके लिए आपको ऐसे डांस स्टाइल का चुनाव करना होगा, जिसमें तेज़ मूवमेंट्स हों, ताकि कार्डियो जैसा इफ़ेक्ट मिल पाए. सालसा और स्विंग डांसिंग वज़न कम करने में मददगार हैं.
अवंती स्कूल ऑफ़ परफ़ॉर्मिंग आर्ट्स की डॉ अवंती आर्या कहती हैं,‘‘डांस के माध्यम से आप 10,000 क़दम चलने के अपने लक्ष्य को आसानी से पा सकते हैं, इससे वज़न नियंत्रण में बना रहता है. स्क्वैयर डांस (चार कपल्स के बीच किया जानेवाला डांस) करके आप एक रात में पांच मील चलने जितनी ऊर्जा का इस्तेमाल करते हैं.’’
टोटल फ़िटनेस का रास्ता डांस से होकर जाता है
बढ़ती है शरीर की फ़्लैक्सिबिलिटी और दिल होता है दुरुस्त
जब आप डांस को अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बना लेते हैं तब यह तय है कि आपके शरीर की फ़्लैक्सिबिलिटी बढ़नेवाली है. डांस के दौरान हमारा शरीर स्ट्रेच होता है, जिससे मसल्स की फ़्लैक्सिबिलिटी में इज़ाफ़ा होता है. डांस प्रैक्टिस से स्टैमिना भी बढ़ता है. यदि आप अपने शरीर को अधिक लचीला और मज़बूत बनाना चाहते हैं तो बैले डांस अपनाएं.
दरअस्ल डांस एक इंटेंस एक्सरसाइज़ है, जिसमें मज़ेदार ढंग से पूरे शरीर का अच्छा व्यायाम होता है. चूंकि यह तेज़ गति से किया जानेवाला कार्डियो है तो आपके दिल को भी मज़बूत बनाता है. शरीर का बैलेंस और कोऑर्डिनेशन बेहतर होता है.
टोटल फ़िटनेस का रास्ता डांस से होकर जाता है
तन ही नहीं, मन को भी मिलता है सुकून
कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि नियमित रूप से डांस प्रैक्टिस करने से डिमेंशिया का ख़तरा कम होता है. रिसचर्स की मानें तो डांस करते समय मस्तिष्क में रक्त का संचार बढ़ता है. इतना ही नहीं डांस स्टेप्स को याद रखने और म्यूज़िक की धुन से सामंजस्य बिठाने पर नए न्यूरॉन्स पैदा होते हैं. वहीं जब आप डांस क्लास जॉइन करते हैं, तब नए लोगों से मिलना-जुलना होता है. सोशल बॉडिंग मज़बूत बनती है. जब आप नए लोगों से बातचीत करते हैं, उनसे जुड़ी चीज़ें याद रखते हैं तो इससे एक तरह की दिमाग़ी कसरत भी होती है. नतीजा यह होता कि आगे चलकर आपको अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया होने की संभावना कम होती है.
डांस एक कॉन्फ़िडेंस बूस्टर ऐक्टिविटी है. जब आप डांस करते हैं तब आपका उत्साह बढ़ता है, आप एनर्जेटिक फ़ील करते हैं. दोस्तों के साथ सोशलाइज़ होने और पार्टनर के साथ अच्छा वक़्त गुज़ारने से फ़ीलगुड हार्मोन्स का स्राव बढ़ता है. रिसर्च से यह साबित हुआ है कि जब डांस करते हुए आप अपनों को स्पर्श करते हैं तब आपका ब्लड प्रेशर नॉर्मल होता है. इससे हृदय रोग होने के चांसेस कम होते हैं. चूंकि डांस करने से स्ट्रेस कम होता है, मूड बढ़िया होने के साथ-साथ आपको अच्छी नींद भी मिलती है.
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि डांस टोटल फ़िटनेस के लिहाज़ से एक बेहतरीन एक्सरसाइज़ है.