वह मसाला जिसका भाव सोने के बराबर था, जानें इसके Intresting इतिहास के बारे में
काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जो लगभग हर घर के किचन में इस्तेमाल किया जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जो लगभग हर घर के किचन में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि इस मसाले को भारत कौन लेकर आया था. लोगों ने इसे कैसे यूज (History of Black Pepper) करना शुरू किया. एक समय पर यह मसाला भारत में सोने के भाव बिकती थी जिसे अंग्रेज ब्लैक पेपर (Black Pepper) कहते हैं. इसका इस्तेमाल भारतीय खानों में 18-19वीं शताब्दी में खूब किया जाता था क्योंकि भारत में लाल और हरी मिर्च (Red Chillies Uses) का यूज तब तक शुरू नहीं हुआ था.
इस तरह भारत में हुई काली मिर्च की खेती की शुरुआत
कई मीडिया रिपोर्ट्स और इतिहासकार के मुताबिक वास्को डी गामा काली मिर्च की तलाश में भारत आया था. जब वास्को डी गामा (Vasco da Gama) भारत आया था तब तक भारत में हरी और लाल मिर्च की खेती होने लगी थी. वहीं कर्नाटक में भी काली मिर्च की बड़े पैमाने पर खेती होती थी. लेकिन, काली मिर्च यूरोप में सोने के भाव में बिकता था. इसके बाद भारत में भी उत्तर भारत और केरल में काली मिर्च का बड़े पैमाने पर यूज होने लगा. इस कारण काली मिर्च का भारत में बड़े पैमाने पर खेती होने लगी. बाद में यह दुनिया में सोने के भाव में बेचा जाने लगा.
यूरोप के शाही परिवार काली मिर्च का इस्तेमाल करते थे
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश के कई कोनों में सोने के बदले काली मिर्च का व्यापार होता था. कई बंदरगाह पर इसके अवशेष खोजने की कोशिश आज भी जारी है. पहले जमाने में यह माना जाता था कि काली मिर्च से मीट का टेस्ट बहुत बेहतर बन जाता है. इस कारण इसकी डिमांड अचानक से बहुत बढ़ गई. बाद में 18 वीं सदी में मौसमी फल और सब्जियों के साथ खाने की टेबल में भी इसका इस्तेमाल शुरू हो गया. इसकी शुरुआत फ्रांसीसी रसोइयों ने की थी. इसके साथ ही फ्रांस के राजा लुई चौदहवें ने आदेश दिया था कि उसकी रसोई में काली मिर्च के अलावा कोई भी दूसरा मसाला यूज न किया जाए.