कोरोना का खतरा हर जगह, घर में ही कुछ इस तरह रखें नवजात शिशु का ख्‍याल

भारत में इस समय कोरोना के मामलों ने तेजी पकड़ ली है।

Update: 2021-05-20 17:00 GMT

भारत में इस समय कोरोना के मामलों ने तेजी पकड़ ली है। अभी भी लोग इस वायरस से खुद को बचाने के तरीकों के बारे में खोजबीन करने में लगे हुए हैं। सोशल डिस्‍टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, हाथ धोना और चेहरे पर मास्‍क पहनने जैसे तरीकों से लोग इस वायरस से बचने की कोशिश में लगे हुए हैं।

आप तो कोरोना से बचने के उपाय कर लेंगे लेकिन आपके नवजात शिशु का क्‍या? उसे न तो कोरोना के बारे में पता है और न ही वो इससे बचने का कोई उपाय कर सकता है। पेरेंट्स को ही अपने नवजात शिशु को कोरोना से बचाने के उपाय करने होंगे।
आज इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि इस कोरोना काल में नवजात शिशु की देखभाल कैसे करनी चाहिए और आपको किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए।
​ब्रेस्‍टफीडिंग जरूर करवाएं
नवजात शिशु के लिए मां का दूध ही एकमात्रा पोषण का आधार होता है। इससे शिशु को इंफेक्‍शन से लड़ने और इम्‍यूनिटी बढ़ानेमें मदद मिलती है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार अगर स्‍तनपान करवाने वाली मां में कोरोना का कोई लक्षण दिखने लगे, तो भी उसे बच्‍चे को दूध पिलाना बंद नहीं करना चाहिए।
आप मास्‍क पहनकर और जरूरी एहतियात बरत कर स्‍तनपान करवा सकती हैं। बोतल में ब्रेस्‍ट मिल्‍क भरकर भी शिशु को पिलाया जा सकता है।
​हाइजीन और सैनिटाइजेशन है अहम
हाथों को साबुन और पानी से लगभग 20 सेकंड तक धोएं। शिशु और उसकी चीजों को हाथ लगाने से पहले सैनिटाइजर जरूर इस्‍तेमाल करें। दो साल से कम उम्र के बच्‍चे को मास्‍क न पहनाएं क्‍योंकि इससे उसे सांस लेने में दिक्‍कत हो सकती है।
जो भी घर आता है, उसे पहले सैनिटाइज करें, उसने मास्‍क पहना हो और उसे शिशु के ज्‍यादा करीब न आने दें।
शिशु के लिए बेबी फूड बनाने में भी साफ-सफाई का ध्यान रखें। इसके अलावा सोशल डिस्‍टेंसिंग को भी फॉलो करें। घर पर कोई दोस्‍त या रिश्‍तेदार आता है, तो उसे बच्‍चे से मिलने न दें। कोई भी व्‍यक्‍ति ऐसा हो सकता है जो संक्रमित हो लेकिन उसमें कोरोना का कोई लक्षण न हो। इस समय शिशु के लिए सोशल डिस्‍टेंसिंग बहुत जरूरी है।
​दोनों पेरेंट्स हो जाएं कोविड पॉजिटिव तो
अगर मां के साथ-साथ पिता भी कोरोना पॉजिटिव हो जाए, तो ऐसे में शिशु की देखभाल कैसे करें?
इस समय दोनों पेरेंट्स को ही बच्‍चे से दूर रहना चाहिए। वायरस हर व्‍यक्‍ति को अलग तरह से प्रभावित कर रहा है इसलिए डॉक्‍टर के संपर्क में रहकर इलाज लें। आप पीडियाट्रिशयन से शिशु को दूध पिलाने या खाना खिलाने के सुरक्षित तरीके के बारे में पूछ सकते हैं। यदि हो सकता है तो बच्‍चे को अपने किसी रिश्‍तेदार के यहां रहने भेज दें।
जन्‍म के बाद शिशु को कुछ टीके लगवाएं जाते हैं, जो उसे कई बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। अपने बच्‍चे को सभी जरूरी वैक्‍सीन लगवा लें। इससे बच्‍चे की इम्‍यूनिटी बढ़ेगी जो कि इस समय रामबाण का काम कर रही है।
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