मानसून के मौसम में इन कारणों से बढ़ जाता है अस्थमा अटैक का खतरा

Update: 2022-08-25 10:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Tips For Dealing With Asthma: मानसून आते ही कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. वहीं इस मौसम में अस्थमा के मरीजों की समस्या भी बढ़ने लगती है. ऐसा इसलिए क्योंकि मानसून के मौसम में अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत ज्यादा होने लगती है. मानसून में कई बार बारिश के बाद ठंडक रगने के कारण अस्थमा मरीजों में अस्थमा अटैक की संभावना बढ़ जाती है. इस समय स्किन एलर्जी और फंगस जैसी परेशानिया भी काफी बढ़ जाती हैं. ऐसे में अस्थमा मरीजों को मानसून के मौसम में अपना ध्यान रखना चाहिए. चलिए हम यहां आपको बताएंगे कि अस्थमा मरीज अटैक से किस तरह अपना बचाव कर सकते हैं और किस वजह से मानसून के मौसम में अस्थमा अटैक आता है?

मानसून के मौसम में इन कारणों से बढ़ जाता है अस्थमा अटैक का खतरा-
ठंडी चीजें खाने से बचें-
मानसून में मौसम बहुत जल्दी-जल्दी बदलता है. इस मौसम में कभी तेज बारिश होती है तो कभी धूप खिल जाती है. ऐसे में इस मौसम में ठंडी चीजें खाने से परहेज करें. क्योंकि ठंडी चीजें खाने से अस्थमा मरीजों की दिक्कत काफी बढ़ सकती है. इस मौसम में ठंडा पानी, आइसक्रीम, दही,छाछ, मट्ठा , मूंग की दाल जैसी चीजों से परहेज करें.
घर में सीलन को न रहने दें-
अस्थम मरीजों को घर और दीवारों में सीवन चेक करते रहना चाहिए क्योंकि कई बार ये सीलन अस्थमा अटैक का कारण भी बनती है.ऐसा इसलिए क्योंकि मानसून में लगातार बारिश रहने से घर में सीलन की समस्या काफी बढ़ जाती है इस. इस समस्या से निपटने के लिए घर को सूखा रखने की कोशिश करें.
पालतू जानवरों से दूरी बनाएं-
अस्थमा मरीजों को मानसून के मौसम में पालतू जानवरों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. इस मौसम में अस्थमा मरीजों में एलर्जी जल्दी फैलती है. वहीं जानवरों के बालों से भी एलर्जी हो सकती है जो अस्थमा अटैक का कारण बन सकता है. ऐसे में कोशिश करें कि पालतू जानवरों के साथ न खेलें.


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