किसानों को हो रहा नुकसान हरियाणा में दो बार टली धान की खरीद
घोषणा करने के बावजूद दो बार धान की खरीद (Paddy Procurement) टालने के बाद हरियाणा सरकार (Haryana Govt) सवालों के घेरे में है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| घोषणा करने के बावजूद दो बार धान की खरीद (Paddy Procurement) टालने के बाद हरियाणा सरकार (Haryana Govt) सवालों के घेरे में है. कांग्रेस से लेकर व्यापारी और किसान तक सब उस पर प्रहार कर रहे हैं. कांग्रेस ने समय पर खरीद न करने को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खत्म करने का षडयंत्र और धान व बाजरा बोने वाले किसानों से धोखा बताया है तो व्यापारियों ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस (Congress) नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पहले खरीद शुरू होने की तारीख 25 सितंबर थी, उसके बाद उसे एक अक्टूबर किया गया और अब 11 अक्टूबर की नई तारीख आई है. जबकि 20 सितंबर से ही मंडियों में आवक शुरू हो गई थी.
कांग्रेस ने बताया-किस मंडी में कितना पड़ा है धान
कांग्रेस ने कहा है कि हरियाणा की मंडियों में 20 लाख क्विंटल से अधिक धान खुले में पड़ा है. उदाहरण के तौर पर जिला अंबाला की मंडियों में लगभग 4.50 लाख क्विंटल धान, जिला कुरुक्षेत्र की मंडियों में लगभग 5.50 लाख क्विंटल, यमुना नगर की मंडियों में लगभग 2.25 लाख क्विंटल, कैथल में लगभग 2 लाख क्विंटल व करनाल की मंडियों में लगभग 1.75 लख क्विंटल धान की आवक हो चुकी है.
किसानों को हो रहा नुकसान हरियाणा में दो बार टली धान की खरीद1600 रुपये क्विंटल धान बेचने को मजबूर हैं किसान: व्यापार मंडल
उधर, अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि खरीद में देरी करके सरकार किसानों (Farmers) को बर्बाद करने पर तुली हुई है. धान की एमएसपी 1960 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि किसान इस वक्त 1600 रुपए प्रति क्विंटल पर बेचने के लिए मजबूर हैं. इस वक्त लगभग 15 लाख क्विंटल धान हरियाणा की मंडियों में पड़ा है. लेकिन खरीद नहीं हुई. किसानों का नुकसान हो रहा है. सरकार ने धान व बाजरा की खरीद जल्द शुरू नहीं की तो हरियाणा व पंजाब का किसान, आढ़ती व मजदूर सड़कों पर उतरेगा.
सड़क पर उतरेंगे किसान
किसान मंडी में धान बेचने के लिए धक्के खा रहा है. किसान का धान खुले आसमान के नीचे खराब हो रहा है. मगर बड़े अफसोस से कहना पड़ रहा है कि सरकार धान न खरीद कर उनसे मंडियों में चक्कर लगवा रही है. अगर सरकार ने धान व बाजरा की खरीद जल्द शुरू नहीं की तो हरियाणा का किसान, आढ़ती व मजदूर सड़कों पर आ जाएगा.
एमएसपी पर खरीद करने की घोषणा बस छलावा: गर्ग
गर्ग ने कहा कि सरकार द्वारा एमएसपी पर सिर्फ 25 प्रतिशत बाजरा (Bajra) खरीद करने की बात कहना किसानों के साथ धोखा है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस समय किसान का बाजरा 2250 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी की बजाय 1200 रुपए में बिक रहा है. सरकार का बाजरा व धान एमएसपी पर खरीद करने की घोषणा बस छलावा है.