Life Style : परीक्षा हॉल की ऊंची छत भी डाल सकती है छात्रों के रिजल्ट पर असर

Update: 2024-07-07 11:32 GMT
Life Style लाइफ स्टाइल : अगर एग्जाम की तैयारी सही नहीं है, तब तो स्योर है ही आपका पेपर खराब your paper is bad जाने वाला है, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि परीक्षा को खराब करने में कुछ हद तक एग्जामिनेशन हॉल के छत की ऊंचाई भी जिम्मेदार हो सकती है। ये हम नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया और डीकीन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने बताया है। उन्होंने अपनी रिसर्च में बताया है की हॉल की बनावट का एग्जाम के रिजल्ट पर काफी असर पड़ सकता है। उनकी रिसर्च में ऊंची छत वाले कमरे और एग्जाम रिजल्ट्स के बीच नेगेटिव कनेक्शन सामने आया है।
ये अध्ययन पूरे आठ साल तक चला, जिसमें 15,400 से ज्यादा छात्रों के डेटा को शामिल और एनालिसिस किया गया।
इसमें छात्रों के परीक्षा की रिजल्ट्स की तुलना उस कमरे की छत की ऊंचाई से की गई, जिसमें उन्होंने बैठकर एग्जाम दिया था। जिसमें ये सामने आया कि ऊंची सीलिंग वाले कमरे में परीक्षा देने वाले छात्रों के नंबर कम आएं।इसके साथ ही एक वर्चुअल रियलिटी टेस्ट भी किया गया।
जिसमें रिसर्च और तापमान जैसी वातावरणीय स्थितियों को स्थिर रखते हुए स्टूडेंट्स को अलग-अलग कमरों में रखा गया। वो कितने परेशान हैं, इसे समझने के लिए पसीने की मात्रा, हार्ट बीट और किस स्पीड से सांस ले रहे हैं, इसे चेक किया गया।
रिसर्चर्स ने पाया कि बड़े कमरे Researchers found that larger rooms में बैठने वाले स्टूडेंटस सही तरीके से फोकस नहीं कर पा रहे थे। उन्हें काम करने में परेशानी हो रही थी।
फोकस करने और सोचने-समझने पर भी पड़ता है असर
बड़े हॉल या कमरे खुलेपन का एहसास कराते हैं, जिससे कॉग्निटिव परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है। इससे ब्रेन फोकस नहीं कर पाता, जिस वजह से अच्छी तरह से याद की हुई चीजें भी भूलने लगते हैं। एक्सपर्ट्स की राय है कि बड़े हॉल एक्जिबिशन, शादी-ब्याह, थिएटर और जिम के हिसाब से सही होते हैं, लेकिन परीक्षा के लिए नहीं। भारत, ऑस्ट्रेलिया सहित कई दूसरे देशों में लागत को देखते हुए बड़े हॉल में ही अकसर परीक्षाएं करवाई जाती हैं।
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