life style : मानसून और चाय का कॉम्बिनेशन है बेहद खास लेकिन पीते वक्त करगें ये 5 गलतियां

Update: 2024-07-03 06:20 GMT
life style : मानसून एक ऐसा मजेदार और सुहावना मौसम होता है, जब चाय न पीने वाले भी 'आधा कप' के बहाने इसकी चुस्की लेने को बेताब हो जाते हैं। इस बात में कोई शक नहीं कि खांसी-जुकाम से राहत दिलाने में चाय काफी मददगार साबित होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे गलत तरीके से बनाना और पीना सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है? आइए जानें।
खाली पेट चाय का सेवन
अगर आप भी अपने दिन की शुरुआत चाय से करते हैं,
तो सावधान हो जाने की जरूरत है
। बता दें, कि यह आदत सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है। इससे आपको ब्लोटिंग (Bloating), गैस और एसिडिटी से लेकर खट्टी डकार और सीने में जलन की शिकायत होती है। मानसून के मौसम में सुबह-सवेरे चाय पीना कई लोग पसंद करते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म भी स्लो हो जाता है।
चाय में ज्यादा मसाले
लौंग, इलायची, अदरक और दालचीनी बेशक चाय का जायका बढ़ाने का काम करते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि तासीर में गर्म होने के कारण इन चीजों के ज्यादा सेवन से वात, पित्त और कफ की समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए बारिश के इस मौसम में ऐसा करने से बचें।
देर तक चाय उबालना
कड़क चाय की चाहत मानसून के दिनों में काफी बढ़ जाती है, लेकिन बता दें कि चाय को ज्यादा देर तक उबालने से सेहत के लिए बड़ी मुसीबत पैदा हो सकती है। इससे न सिर्फ पाचन तंत्र को हानि होती है, बल्कि कैफीन की ज्यादा मात्रा पैदा होने से नींद की गुणवत्ता भी खराब हो जाती है। ऐसे में, अगर आप भी इस मौसम में सिरदर्द से परेशान नहीं होना चाहते हैं, तो ऐसा करने से बचें।
ज्यादा चाय पीना
मौसम भले ही कितना भी सुहावना हो, लेकिन चाय के ज्यादा सेवन से हमेशा नुकसान ही हाथ लगता है। बता दें, कि ज्यादा चाय पीने से बॉडी में आयरन को अवशोषित करने की क्षमता घट जाती है, जो कि चाय में मौजूद टैनिन के कारण होता है। इसलिए ध्यान रखें, कि दिन में एक-दो कप से ज्यादा चाय अच्छी बात नहीं है।
खाना खाने के बाद चाय
कई लोगों को खाना खाने के बाद चाय पीने की खराब आदत होती है। मानसून के सीजन में तो यह और भी ज्यादा देखने को मिलता है। अगर आप भी दिन में दो कप से ज्यादा चाय पीते हैं, तो यह सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। इससे पाचन से जुड़ी तकलीफें बढ़ सकती हैं और बॉडी में आयरन और प्रोटीन के अवशोषण में भी रुकावट पैदा हो सकती है।
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