जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजमा को हर कोई अलग तरीके से बनाता है। इसके स्वाद को पसंद करने वालों की कमी नहीं हैं। शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे ये खाना न पसंद हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजमा खाने से हेल्थ को नुकसान हो सकता है, खासकर तब जब इसे सही तरह से न पकाया जाए। कई रिपोर्ट्स कहती हैं कि साल में 20 फीसदी फूड पॉइजनिंग के केस राजमा की वजह से होते हैं। ऐसी परेशानी तब होती हैं जब आप गलत तरह से इसे पकाते हैं। जब आप कच्चा या अधपका राजमा खाते हैं तो ये हानिकारक या जहरीले हो सकते हैं। रिपोर्ट की मानें तो ये तब भी हानिकारक हो सकते हैं जब उन्हें 100 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर पकाया जाता है
राजमा में होते हैं टॉक्सिन
राजमा में टॉक्सिन होते हैं जिसे फाइटोहेमाग्लगुटिन कहा जाता है। यह कई दूसरे किस्मों की बीन्स में भी होता है लेकिन लाल राजमा में ये ज्यादा होता है। और इसलिए, मुट्ठी भर से भी कम, या मात्र 4 से 5 कच्ची या अधपकी राजमा आपको बीमार करने के लिए काफी होती हैं। ठीक से न पके राजमें को खाने के बाद जो लक्षण सामने आते हैं वह खाने के दो से तीन घंटे के अंदर ही दिखने लगते हैं। लक्षणों में दस्त, पेट दर्द और उल्टी शामिल है।
कब हो सकती है परेशानी
1) अगर आप राजमा को 180 डिग्री फारेनहाइट या 83 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर पकाते हैं, तो गैस जैसी समस्या हो सकती है।
2) कई लोग राजमा रात भर भिगोने और उन्हें पकाने से पहले 2 से 3 मिनट तक उबालते हैं। यह हानिकारक भी है क्योंकि यह उनमें मौजूद हीमाग्लगुटिन को नहीं मारता है। ऐसे में पेट की समस्या भी हो सकती है।
3) कई लोग राजमा को बतौर सलाद और सैंडविच बनाकर खाते हैं, ऐसे में आधे पके राजमा को खाने से परेशानी हो सकती है। यह भी पढ़ें: बारिश में इंफेक्शन से बचने के लिए अपनाएं इंटिमेट हाइजीन टिप्स, जानिए मानसून के लिए कैसे चुनें सही अंडरवियर
कैसे बनाएं
अगर आपको राजमा पसंद है और आप पेट के संक्रमण को दूर रखना चाहते हैं तो आपको राजमा पकाने के सही तरीके के बारे में जानना चाहिए। राजमा को पारंपरिक रूप से पकाया जाना चाहिए, ऐसे में राजमा को केवल रात भर भिगोएं। इसमें मौजूद हीमाग्लगुटिन को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कम से कम 10 मिनट तक उबालें। इस तरह से राजमा पकाने पर वे पूरी तरह हेल्दी होते हैं।