Sunil Lahri's Birthday: सुनील लहरी Sunil Lahri ने रामायण में अपना किरदार इतने बखूबी निभाया कि दर्शक उनमें भगवान लक्ष्मण की छवि देखने लगे थे। साल 1990 में सुनील लहरी Sunil Lahri ने सीरियल 'परमवीर चक्र' में भी काम किया था। पहले 'विक्रम और बेताल' और फिर 'दादा-दादी की कहानियां' में सुनील लहरी की दमदार एक्टिंग को देखते हुए रामानंद सागर ने उन्हें रामायण में लक्ष्मण के किरदार के लिए चुना था। सुनील लहरी (जन्म 9 जनवरी 1961, दमोह, मध्य प्रदेश) एक भारतीय अभिनेता हैं। उन्हें रामानंद सागर के मशहूर टेलीविजन सीरियल 'रामायण' में लक्ष्मण का किरदार निभाने के लिए जाना जाता है। इससे पहले उन्होंने सीरियल 'विक्रम और बेताल' और 'दादा-दादी की कहानियां' में भी काम किया था। 90 के दशक में आए पॉपुलर सीरियल रामायण में लक्ष्मण (सुनील लहरी) ने राम (अरुण गोविल)-सीता (दीपिका चिखलिया) के साथ दमदार भूमिकाएं निभाई थीं।
1983 में फिल्मी दुनिया में अपने कॅरियर की शुरुआत की, जिसके बाद उन्होंने कभी भी अपने कॅरियर में पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी पहली फिल्म नक्सलवाद के ऊपर थी। उसके बाद उन्हें मौका मिला 'बरसात' फिल्म में। इस फिल्म में भी सुनील लहरी ने उम्दा अभिनय का प्रदर्शन किया। सुनील लहरी जब 1986 में अपने अभिनय को सफलता की ओर ले जाना चाहते थे, तब उनको दूरदर्शन पर काम करने का मौका मिला। उन्होंने उस मौके को अपने हाथों से नहीं जाने दिया।
सुनील लहरी Sunil Lahri 1986 में दूरदर्शन के लिए प्ले करने लगे थे। सीरियल 'रामायण' में अपना जोरदार अभिनय करने से पहले उन्होंने पहले 'विक्रम और बेताल' में और फिर 'दादा-दादी की कहानियों' में अभिनय किया। उनका दमदार अभिनय देखकर ही रामानन्द सागर ने रामायण में लक्ष्मण के किरदार के लिए चुना। जब वह ऑडिशन देने पहुंचे थे, तब लक्ष्मण के रोल के लिए करीब 150 लोग आए थे। जब उनको रामायण में लक्ष्मण का रोल दिया गया था, तब उन्होंने इस धारावाहिक सीरियल में अपने बेहतरीन अभिनय से जान फूँक दी।
सीरियल रामायण में लक्ष्मण के लिए वह चुने गए। इस बारे में सुनील लहरी Sunil Lahri का कहना था कि- "मैं भी अरुण जी और दीपिका जी की तरह 'विक्रम बेताल' और 'दादा दादी की कहानियां' टीवी शो में काम कर चुका था। मुझे रामायण के बारे में बताया गया और कहा गया कि ऑडीशन दे दो। मैं इस शो को लेकर खास दिलचस्पी नहीं रखता था, लेकिन लोगों ने कहा तो मैंने ऑडीशन दे दिया। सीरियल रामायण में मैं शत्रुघ्न की भूमिका के लिए चुना गया था। लक्ष्मण का किरदार मुझे नहीं मिला था। लक्ष्मण के लिए शशि पुरी को फाइनल किया गया था। न जाने क्या हुआ कि शशि पुरी ने वह रोल करने से मना कर दिया। मैंने एक जगह से रोड क्रॉस किया तो सागर साहब वहां से निकले। उन्होंने गाड़ी रोकी और पूछा कि क्या कर रहा है? मैंने कहा शूटिंग चल रही है। उन्होंने मुझसे ऑफिस चलने को कहा और मैंने कहा कि शूट कर रहा हूं फिर आता हूं। मैं बाद में जाना भूल गया। उन दिनों मोबाइल फोन नहीं होते थे तो लोग लैंडलाइन चलाते थे। मेरे पास लैंडलाइन भी नहीं था तो सागर साहब ने किसी को भेज कर मुझे बुलवाया।"
सीरियल रामायण के राम, अरुण गोविल की तरह ही सुनील लहरी Sunil Lahri ने भी लक्ष्मण की छवि से बाहर निकलने की काफी कोशिश की, लेकिन अफसोस कि वह लक्ष्मण की छवि से कभी बाहर नहीं निकल पाए। भले ही ‘रामायण’ को लगभग तीन दशक से ऊपर का समय व्यतीत हो गया हो, पर सुनील लहरी जहाँ कहीं भी जाते हैं, वह आज भी लक्ष्मण के रूप में पूजे जाते हैं। अब सुनील लहरी का अपना प्रोडक्शन हाउस है। अब वह अभिनय से दूर हैं।
सुनील लहरी Sunil Lahri साल 2012 में खूब चर्चा में रहे। कारण था कि उन्होंने अपने पिता डॉ. शिखर चंद्र लहरी की मृत्यु के बाद उनके शरीर को भोपाल के एक मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया था। यह सुनील लहरी के पिता शिखर चंद्र लहरी की ही ख्वाहिश थी। दरअसल डॉ. शिखर चंद्र लहरी अपनी विल में ये साफ लिखकर गए थे कि उनका शरीर मेडिकल स्टूडेंट्स को दान कर दिया जाए ताकि वह इस पर अपनी स्टडी पूरी कर सकें। सुनील लहरी Sunil Lahri ने बताया कि- "उन्होंने 10 साल पहले ये इच्छा जाहिर की थी। इसलिए जब वह खत्म हुए तो मैंने उनकी आखिरी ख्वाहिश पूरी की। मेरे पिता मेडिकल फील्ड से थे और एक प्रोफेसर थे। ऐसे में उन्हें इस बात की जानकारी थी कि स्टूडेंट्स को डेड बॉडी की कमी के चलते कितनी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।"