छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेना बढ़ा सकता है हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम जानिए कैसे

तनाव, बढ़ा सकता है हृदय संबंधी बीमारियों

Update: 2023-09-28 18:23 GMT
स्ट्रेस बन गया है दिल के लिए सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर
मनस्थली संस्था की फाउंडर-डॉयरेक्टर और सीनियर साइकेट्रिस्ट डॉ. ज्योति कपूर बताती हैं, ‘ स्ट्रेस (Stress) ह्रदय से संबंधित बीमारियों को पैदा करने का सबसे बड़ा कारक है। सबसे बड़ी बात है कि लोग इस बात से अंजान रहते है कि ज्यादा स्ट्रेस उनके ह्रदय स्वास्थ्य के लिए अधिक नुकसानदायक हो सकता है। स्ट्रेस मात्र कोई भावनात्मक बोझ नहीं है, बल्कि यह ह्रदय की बीमारियों के लिए बड़ा रिस्क फैक्टर (Risk factor for heart) है।
सोचने की क्षमता प्रभावित
जब हम रोजमर्रा के जीवन में बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेने लगते है, तो हमारे सोचने की क्षमता समय के साथ बदलती जाती है। इस बदलाव का प्रभाव नकारात्मक रूप से ह्रदय पर पड़ता है। जिस तरह से लगातार तूफान चलने से तबाही होती है ठीक उसी तरह से लगातार स्ट्रेस लेने से हृदय पर भी चोट पड़ती है। स्ट्रेस की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, सूजन हो जाती है और अस्वस्थ लाइफस्टाइल में वृद्धि हो जाती है।
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