Stress Relief तनाव से राहत: रोजमर्रा की जिंदगी में काम और काम का प्रेशर हर किसी पर होता है। लेकिन कुछ बातें जो आपके मन में दिन-रात चलती हैं और आप जिनकी वजह से परेशान रहना शुरू कर देते हैं। वहीं स्ट्रेस का कारण है। अक्सर लोग स्ट्रेस को समझ नहीं पाते और उसे हल्के में लेते हैं। लेकिन अगर आप लंबे समय से स्ट्रेस झेल रहे हैं और उसका इलाज नहीं कर रहे तो ये आपको कई सारी बीमारियां दे सकता है। स्ट्रेस की वजह से केवल मेंटल हेल्थ ही नहीं बल्कि फिजिकल पर गहरा असर पड़ता है और इतनी सारी बीमारियों का शिकार बन जाता है। हेल्थ
डिप्रेशन और मेंटल हेल्थ
अगर आपका दिमाग लगातार किसी बात का प्रेशर झेल रहा है और आप स्ट्रेस महसूस कर रहे हैं तो उसे दिमाग से बाहर निकालने की कोशिश करें। लंबे समय में ये डिप्रेशन और एंजायटी को जन्म दे सकता है। जिसकी वजह से मूड डिसऑर्डर हो सकता है। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार डिप्रेशन होने के लिए साइकोलॉजिकल, एनवायरमेंटल, जेनेटिक और कई बार स्ट्रेसफुल पास्ट कारण हो सकते हैं। स्टडी के मुताबिक करीब 20-25 प्रतिशत लोग जो स्ट्रेसफुल घटना से गुजरे होते हैं उनमे depression डेवलप हो जाता है।
इनसोमेनिया
इनसोमनिया यानी की अनिद्रा की समस्या स्ट्रेस की वजह से होना काफी कॉमन है। और लगभग हर इंसान से अच्छी तरह वाकिफ है। सर्वे में भी इस बात का पता चला है कि स्ट्रेस की वजह से करीब 21 प्रतिशत लोग इनसोमनिया के शिकार हैं और रात को जागते हैं।
कार्डियोवस्कुलर डिसीज
काफी समय से स्ट्रेस झेलते आ रहे हैं तो ये दिल की सेहत पर बुरा असर डालती है। कई सारी स्टडीज में पता चला है कि केवल स्ट्रेस अकेला ही दिल की बीमारियों को पैदा कर सकता है। वहीं स्ट्रेस की वजह से खराब खानपान भी दिल की बीमारियों को बढ़ा देता है। एक्सपर्ट के मुताबिक मन में आने वाले निगेटिव ख्याल और इमोशनल स्ट्रेस की वजह से हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है।
सर्दी-जुकाम
सुनकर हैरानी हो रही होगी लेकिन everyday health कि रिपोर्ट के मुताबिक स्ट्रेस शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है। जिसकी वजह से इंफेक्शन वाली बीमारियां जैसे सर्दी-जुकाम ज्यादा तेजी से पकड़ लेता है। रिसर्चर्स ने करीब 420 लोगों के बीच रिसर्च किया और पाया कि जिन लोगों में स्ट्रेस था। उन्हें वायरस एक्सपोजर के बाद क्वारंटाइन करने के बाद भी उनमे इंफेक्शन के लक्षण दिखें। जो ये बताने के लिए काफी है कि स्ट्रेस की वजह से सर्दी-जुकाम जैसी कॉमन समस्याएं भी ज्यादा तेजी से होती हैं।
डाइजेशन की समस्या
स्ट्रेस की वजह से पाचन संबंधी समस्याएं भी पैदा होने लगती है। स्ट्रेस डाइजेस्टिव सिस्टम पर असर करता है। जिसकी वजह से इररेटिबल बाउल सिंड्रोम हो जाता है। जिसमे खाना ठीक तरह से डाइजेशन ट्रैक में मूव नहीं करता। जो कि गेस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स, एसिडिटी, कब्ज, डायरिया की समस्या को पैदा करने लगता है।
क्रॉनिक पेन
लगातार दिमाग पर दबाव और स्ट्रेस की वजह से माइग्रेन, सिर में दर्द और कमर दर्द की समस्या होने लगती है। स्ट्रेस की वजह से मसल्स में तनाव और खिंचाव होता है। जिसकी वजह से पैर, कमर और सिर दर्द जैसी समस्या पैदा हो जाती हैं।
कैंसर और ऑटो इम्यून डिसीज
स्टडी में खुलासा हुआ है कि स्ट्रेस की वजह से ब्रेन और बॉडी तेजी से सूजन बढ़ाने वाले कारणों पर Response करती है। जिसकी वजह से एंड्रनल ग्लैंड स्ट्रेस हार्मोंस रिलीज करती है। जिसकी वजह से बॉडी में पेन और स्ट्रेस होता है। और कैंसर का कारण बन सकता है। वहीं लगातार लंबे समय तक स्ट्रेस की वजह से कई सारी ऑटो इम्यून बीमारी जैसे ह्र्यूमाटाइड आर्थराइटिस, लुपस, सोरायटिक ऑर्थराइटिस और सोरायसिस जैसी बीमारियां होने का डर रहता है।