आजकल की लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण पेट से जुड़ी समस्याएं होना आम बात हैं। इन्हीं में से एक हैं पेट का अल्सर जिसे गैस्ट्रिक अल्सर भी कहा जाता है। यह समस्या भी अब बहुत देखने को मिल रही हैं। आम भाषा में कहें तो पेट में छाले व घाव हो जाने को अल्सर कहा जाता है। पेट में अल्सर की समस्या तब होती है, जब पेट में खाना पचाने वाला एसिड पेट की दीवारों को नुकसान पहुंचाने लगता है। ये एसिड इतना तेज होता है की आयरन के ब्लेड तक को आसानी से गला सकता है। समय रहते इस परेशानी पर ध्यान न देने पर यह किसी गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकती है। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं उन घरेलू उपायों के बारे में जो पेट का अल्सर दूर करने में मदद करेंगे। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...
केला
पेट के अल्सर का इलाज करने के लिए केला काफी फायदेमंद हो सकता है। केले में पेक्टिन नामक यौगिक होता है, जो पेप्टिक अल्सर को ठीक करने में प्रभावी माना जाता है। कच्चा हो या पका केला, पेट संबंधी समस्याओं के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए आप पके केले का सीधे सेवन कर सकते हैं या कच्चे केले की सब्जी बनाकर खा सकते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से अल्सर की समस्या से निजात मिल सकता है।
पत्तागोभी का जूस
एक स्टडी के अनुसार, पत्तागोभी अल्सर को ठीक करने में मदद करता है। यह एक अल्सर का लोकप्रिय और नेचुरल उपचार है। माना जाता है कि पेट के अल्सर को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक्स उपलब्ध होने से दशकों पहले डॉक्टरों भी इसका इस्तेमाल किया करते थे। दरअसल, पत्ता गोभी जूस में ऐसे यौगिक होते हैं जो पेट के अल्सर को रोकने और ठीक करने में मदद कर सकते हैं। पत्तागोभी को जूसर में डालकर जूस तैयार कर लें। हर दिन 1 कप जूस अल्सर में बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
नाशपति
नाशपति में फ्लेवोनॉएड और एंटी-ऑक्सीडेंट काफी मात्रा में होते हैं, जो अल्सर के लक्षणों को कम करने में हेल्प करते हैं। यह एच। पायलोरी के इंफेक्शन को भी रोकती है। इसमें फाइबर होते हैं, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं। नियमित रूप से नाशपति का सेवन करने वालों में छोटी आंत का अल्सर होने की आशंका काफी कम हो जाती है।
शहद
शहद के गुणों पर हुए अध्ययन के अनुसार, शहद एक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन है जो कई तरह के स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा है। यह एंजाइम हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उत्पादन करने के भी लिए जाना जाता है, जो अल्सर पैदा करने वाले बैक्टीरिया हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से लड़ने में मदद करता है। एक गिलास गर्म पानी में एक बड़ा चम्मच शहद और चुटकीभर दालचीनी पाउडर मिलाकर मिश्रण तैयार करें। रोजाना इसका 2 बार सेवन करना अल्सर की परेशानी को कम करने में मदद करता है।
हींग
पेट के लिए हींग कितना फायदेमंद है यह बात शायद हमें आपको बताने की जरूरत नहीं। जी हां आपकी किचन में मौजूद यह मसाला पेट के अल्सर में भी फायदेमंद होता है। पेट का अल्सर होने पर हींग को पानी में मिलाकर इसका एनीमा देना चाहिये, इसके साथ ही रोगी को आसानी से पचने वाला खाना चाहिए।
लहसुन
एक स्टडी के अनुसार, लहसुन में एलिसिन नामक यौगिक पाया जाता है, जिसमें शक्तिशाली रोगाणुरोधी गुण होते हैं। यह हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से लड़ने में मदद कर सकते हैं। इन्हीं बैक्टीरियों की वजह से पेप्टिक अल्सर होता है। लहसुन की 2-3 कलीयों को रोज सब्जी में डाल कर खाएं। हर दिन लहसुन की 1 कली को चबाना भी फायदेमंद होता है।
मेथी दाना
पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए मेथी का इस्तेमाल सालों से किया जा रहा है। मेथी के बीज में साइटोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया से कोशिकाओं को सुरक्षित रखते हैं। मेथी के बीज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट पेट के अल्सर की रोकथाम में मदद कर सकते हैं। इसके लिए एक चम्मच मेथी दाने को एक गिलास पानी में उबाल लें। फिर इसे छानकर, इसमें शहद मिला लें। रोजाना इस पानी का सेवन करने से पेट के अल्सर के लक्षणों को कम किया जा सकता है।