हम ऐसे समय में जी रहे हैं, जहां बेसिक नीड्स रोटी, कपड़ा, मकान, इंटरनेट के आगे बढ़ते हुए सफ़ाई तक पहुंच गई है. कारण, हम एक ऐसे दुश्मन से जूझ रहे हैं, जो साफ़-सफ़ाई से सख़्त नफ़रत करता है. वह दुश्मन है कोरोना नामक वायरस. हम घर के बाहर वॉशरूम यूज़ करने, बसों ट्रेनों के हैंडल्स (रॉड्स) को छूने के बाद सैनिटाइज़र से ख़ुद को साफ़ करते हैं. वहीं जैसे ही घर में पहुंचते हैं, हाथ-पैर धोने के बाद रिलैक्स हो जाते हैं. बेशक, घर पहुंचकर हमें अच्छा लगता है, पर क्या आप जानते हैं, घर की कुछ जगहें, कुछ चीज़ें उतनी भी सुरक्षित यानी जर्म्स, बैक्टीरिया या वायरस फ्री नहीं हैं, जितना हम सोचते हैं. यहां हम घर की पांच ऐसी जगहें/चीज़ें बता रहे हैं, जिनकी साफ़-सफ़ाई पहली फुर्सत में करनी चाहिए.
दरवाज़ों और कैबिनेट के नॉब्स
घर के दरवाज़ों (मेन डोर, कमरों के दरवाज़े), वॉर्डरोब के दरवाज़ों और किचन कैबिनेट्स के नॉब्स वह जगहें हैं, जिनकी सफ़ाई को हम सबसे अधिक नज़रअंदाज़ करते हैं, जबकि उन्हें छूते दिन में अनगिनत बार हैं. तो समय-समय पर इन नॉब्स को क्लीन करना न भूलें. चूंकि हम इन्हें बार-बार छूते हैं तो इनपर धूल-मिट्टी तो नहीं बैठती, पर हाथों के जर्म्स इनके संपर्क में आते रहते हैं. इनकी साफ़-सफ़ाई के लिए बेहतर होगा कि पानी और विनेगर समान मात्रा में मिलाकर पोछे को डुबोएं और नॉब्स को साफ़ करें.
किचन
किचन वह जगह है, जहां घर में सबसे अधिक वेस्ट जनरेट होता है. सबसे अधिक गंदगी भी यहीं होती है. यहां आप खाना पकाते ही नहीं, उसकी तैयारी भी करते हैं तो काटना, छीलना, धोना आदि चलते रहता है. वहीं खाना पकाने के चलते इसकी दीवारों पर मसालों के छींटे आदि भी होते हैं. फ्राय करने, तड़का लगाने के कारण तेल मिश्रित गंदगी की परत किचन के कोनों में जमा हो सकती है, ख़ासकर गैस चूल्हे के आसपास. किचन की सफ़ाई इसलिए भी ज़रूरी है, क्योंकि अगर इस जगह का ध्यान नहीं रखा गया तो वह दिन दूर नहीं, जब कॉक्रोच आपके घर के कोनों-कोनों में नज़र आने लगेंगे. किचन के प्लैटफ़ॉर्म को तो साफ़ रखना ही है, आपको किचन के फ़र्श को भी रोज़ाना क्लीनिंग लिक्विड से साफ़ करते रहना चाहिए. मॉड्युलर किचन हो तो हर रैक को टाइम-टाइम पर साफ़ कर लें. स्टोरेज के लिए इस्तेमाल में आनेवाले बरनी-बरतन भी समय-समय पर ख़ाली करके धो-पोंछ लिया करें. गैस चूल्हे के अलावा चिमनी, माइक्रोवेव, मिक्सर ग्राइंडर, एग्ज़ॉस्ट फ़ैन की नियमित सफ़ाई भी ज़रूरी है.
सीलिंग फ़ैन्स
दिनभर चलते रहनेवाले सीलिंग फ़ैन्स बहुत अधिक डस्ट अपनी ओर आकर्षित करते रहते हैं. चूंकि जब तक आप कमरे में रहते हैं, सीलिंग फ़ैन को चलाए रखते हैं तो आपका ध्यान इनपर जमा डस्ट पर नहीं जा पाता. इसका एक कारण यह भी है कि पंखों पर ज़्यादातर डस्ट ब्लेड्स के ऊपरी हिस्से पर बैठता है. आपको पंखों की सफ़ाई की एक नियमित रूटीन बना लेनी चाहिए. कम से कम 10 दिनों के अंतराल पर पंखों को हल्के गीले कपड़े से पोंछने के बाद कॉटन के सूखे कपड़े से ज़रूर पोंछना चाहिए.
सिंक
घर में जर्म्स सबसे अधिक किचन और बाथरूम के सिंक में पनाह पाते हैं. जब आप सिंक की साफ़-सफ़ाई में कोताही बरतते हैं तो ये जर्म्स कई बीमारियों का कारण बनने में देर नहीं करते. सिंक की सफ़ाई के साथ समस्या यह होती है कि हमें लगता है कि पानी की मौजूदगी के चलते इनकी सफ़ाई सबसे अधिक होती है, पर बार-बार इस्तेमाल होने, सूख न पाने के कारण यहां की गंदगी कभी ख़त्म नहीं होती. आप दिन में एक बार सिंक को साबुन वाले पानी से अच्छी तरह साफ़ करें. चाहें तो ब्लीच का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. सिंक के कोनों-कोनों को अच्छी तरह रगड़ें. और एक ज़रूरी बात इन्हें सूखा रहने के लिए भी समय दें. सिंक की सफ़ाई के साथ-साथ टैप यानी नल और उसकी टोटी को भी क्लीन करें.
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
आज के ज़माने में लगभग हर घर में तरह-तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होते ही हैं. उदाहरण के लिए-मोबाइल फ़ोन, टीवी, कम्प्यूटर, लैपटॉप आदि. मोबाइल फ़ोन, टीवी रिमोट और कम्प्यूटर-लैपटॉप के कीबोर्ड्स जर्म्स का अड्डा होते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो एक टॉयलेट कमोड में जितने जर्म्स होते हैं, उससे दस गुना अधिक हमारे प्यारे मोबाइल फ़ोन में होते हैं. आजकल सेलफ़ोन हमारा इस क़दर एक्सटेंशन बन गया है कि लोग खाते-पीते, सोते और यहां तक कि टॉयलेट में भी साथ ही ले जाते हैं. और सबसे बुरी बात यह है कि अपने हाथ को धोएंगे, सैनिटाइज़ करेंगे, पर मोबाइल फ़ोन की सफ़ाई को इग्नोर कर देंगे. आप घर के सभी इलेक्ट्रॉनिक सामानों और गैजेट्स को सॉफ़्ट माइक़ोफ़ाबइर क्लोथ से साफ़ करें. सफ़ाई के लिए पानी और रबिंग अल्कोहल समान मात्रा में मिलाकर घोल बना लें.
इसके अलावा आपको लाइट-फ़ैन के स्विचेस आदि को समय-समय प साफ़ करते रहना चाहिए, क्योंकि उन्हें हम काफ़ी बार छूते हैं. बाहर से घर आते ही हम जैसे दरवाज़ों के नॉब्स को छूते हैं, उसी तरह लाइट व फ़ैन का स्विचेस पर हमारा हाथ अपने आप चला जाता है. पानी और अल्कोहल के इस सॉल्यूशन का इस्तेमाल आप स्विचेस की सफ़ाई के लिए यूज़ कर सकते हैं, बेशक बटन्स को बंद करके.
बाथरूम
बाथरूम घर का सबसे अधिक समय तक गीला रहनेवाला कमरा है. यहां सिंक, शॉवर, टॉयलेट कमोड जैसी कई चीज़ें होती हैं. ये सभी जर्म्स को छुपने की जगह देती हैं. आमतौर पर बाथरूम में नमी के साथ-साथ उमस भी होती है, जिसके चलते बैक्टीरिया पनपने के लिए उपयुक्त माहौल मिल जाता है. यदि बाथरूम को ठीक तरह से साफ़ नहीं किया गया तो घर को बीमारियों का घर बनने में वक़्त नहीं लगेगा. जब आप सिंक की सफ़ाई कर रहे हों तो उसके साथ ही टॉयलेट बाउल की भी सफ़ाई कर लें. बाथरूम की दीवारों की भी सफ़ाई बहुत ज़रूरी है. यह भी ध्यान दें कि कहीं किसी नल में लीकेज तो नहीं है. बाथरूम के फ़र्श को भी समय-समय पर ब्लीचिंग पाउडर से साफ़ करते रहें, ताकि काई आदि न जमने पाए.