छुट्टियों के बहाने ख़ुद से मुलाक़ात के छह बहाने
अनछुई जगहों से दोस्ती का निमंत्रण भी लाती हैं, वहीं ख़ुद से मुलाक़ात का मौक़ा भी
लाइफस्टाइल | छुट्टियां मौज-मस्ती के साथ अनजान रास्तों और अनछुई जगहों से दोस्ती का निमंत्रण भी लाती हैं, वहीं ख़ुद से मुलाक़ात का मौक़ा भी देती हैं. गर्मियों की छुट्टियों में तैयारी कीजिए घूमने की और महसूस कीजिए क़ुदरत के रंगों को. यहां छह अनछुए पर्यटन ठिकानों से रूबरू हों.
न तो मैं, न ही कोई औरतुम्हारा सफ़र तय कर सकता हैअपनी मंज़िल, अपने रास्तेतुम्हें ख़ुद ही नापने होंगेइसलिए बेहतर हो कि तुमआज ही चलना सीख लो
क्योंकि ये सफ़र तुम्हेंहर कहीं मिलेंगे
धरती से लेकर आसमान तक...
(वाल्ट व्हिटमैन)यात्राएं ज़रूरी हैं, इसलिए नहीं कि वो हमारी पहचान किसी अनजान बस्ती, अनजान ज़िंदगी, अनजान मौज या अनजान मन से कराती हैं. इसलिए क्योंकि यात्राएं हमें ख़ुद से जोड़ती हैं. ख़ुद के नज़दीक लाती हैं और ख़ुद को समझने की सलाहियत देती हैं. वैसे भी इन दिनों जिस तेज़ी से मौसम के तेवर बदल रहे हैं, वहां बेहतर यही है कि हम कुछ दिन रास्तों से दोस्ती कर लें और निकल पड़ें एक अनजान सफ़र पर... ताकि अपने पूरे हवास में कल, आज और कल को अलग-अलग करके देख सकें. लेकिन जाएं, तो जाएं कहां? क्योंकि जिन जगहों पर सूरज के ताप से निजात मिल सकती है, वहां गर्मी आने के साथ ही भीड़ का दवाब इस क़दर बढ़ जाता है कि कई बार छुट्टियां मज़ा की जगह सज़ा हो जाती हैं. लेकिन यह आपके साथ न हो, इसीलिए हम कुछ ऐसी जगहों की जानकारी लाए हैं, जहां भीड़ कम है और सुकून ज़्यादा.