वैज्ञानिकों ने का दावा, विटामिन-डी न तो कोरोना से बचाता है और न ही संक्रमण के बाद हालत नाजुक होने से रोकता है

जिन लोगों में विटामिन-डी पर्याप्त मात्रा में है उन्हें भी कोरोना संक्रमित कर सकता है या संक्रमण के कारण हॉस्पिटल में भर्ती होने की नौबत भी आ सकती है

Update: 2021-06-03 09:41 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विटामिन-डी न तो कोरोना से बचाता है और न ही संक्रमण के बाद हालत नाजुक होने से रोकता है। कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है। वैज्ञानिकों का कहना है, जिन लोगों में विटामिन-डी पर्याप्त मात्रा में है उन्हें भी कोरोना संक्रमित कर सकता है या संक्रमण के कारण हॉस्पिटल में भर्ती होने की नौबत भी आ सकती है।

दूसरी रिसर्च में दावा इसके उलट था
यह रिसर्च इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि कुछ समय पहले आई शिकागो मेडिसिन यूनिवर्सिटी की रिसर्च में इसके उलट दावा किया गया था। शोधकर्ताओं का दावा था कि शरीर में विटामिन-डी की मात्रा अधिक होने पर कोरोना के संक्रमण का खतरा घट सकता है। वहीं, बार्सिलोना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक अलग रिसर्च में दावा किया था कि विटामिन-डी कोरोना से होने वाली मौतों का खतरा 60 फीसदी तक घटाता है।

मैकगिल यूनिवर्सिटी की हालिया रिसर्च इन दावों को गलत साबित करती है। रिसर्च के मुताबिक, शरीर में विटामिन-डी और कोरोना के संक्रमण के बीच कोई कनेक्शन नहीं है।

संक्रमण का खतरा घटने के प्रमाण नहीं
कई विशेषज्ञों का कहना है, अब तक इस बात के प्रमाण नहीं मिल सके हैं जिससे साबित हो कि यह विटामिन वायरस के संक्रमण को रोक सकता है। मैकगिल यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. गुइलॉम बटलर का कहना है, विटामिन-डी पर जो स्टडी हुई है उसके आधार पर कुछ भी कहना मुश्किल है। इसलिए बेहतर होगा कि इसका ट्रायल किया जाए। हालांकि इसमें लम्बा समय लगेगा।

ऐसे हुई रिसर्च
शरीर में विटामिन-डी की मात्रा अधिक होने पर इंसान के जिस जीन पर इसका असर पड़ता है, वैज्ञानिकों ने उसी जीन का अध्ययन किया। इसके लिए रिसर्च में 11 देशों से 4,134 कोरोना पीड़ित और 12,848,76 सामान्य लोगों को शामिल किया गया।

वैज्ञानिकों ने यह जांचा कि जिन लोगों में विटामिन-डी पर्याप्त मात्रा में था उसमें संक्रमण कम गंभीर था या नहीं। रिपोर्ट में विटामिन-डी और संक्रमण का असर कम होने के प्रमाण नहीं मिले। वैज्ञानिकों का कहना है, हमारी रिसर्च विटामिन-डी सप्लिमेंट लेकर स्वास्थ सुधारने के तरीके को भी सपोर्ट नहीं करती।


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