प्राकृतिक रूप से पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है सेंधा नमक

Update: 2023-06-25 13:30 GMT
सेंधा नमक जिसे सैंधव नमक या लाहौरी नमक भी कहा जाता है क्रिस्टल के रूप में पाया जाने वाला एक खनिज है। यह पाकिस्तान के सिंधु नदी के आस पास के हिमालयी क्षेत्रों में चट्टानों के रूप में पाया जाता है। इस नमक का रंग सफ़ेद, हल्का गुलाबी या बैंगनी होता है जो प्रायः आयरन ऑक्साइड तथा कई अन्य खनिजों की उपस्थिति की वजह से होता है।
सेंधा नमक का आयुर्वेद में काफी महत्त्व दिया जाता है। माना जाता है कि उच्च रक्त चाप में इसका प्रयोग करने से कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता। हिन्दू पर्व त्योहारों में इस नमक का प्रयोग खाने के नमक की जगह किया जाता है। हाजमे के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला काला नमक भी एक तरह का सेंधा नमक ही होता है।
सेंधा नमक पाकिस्तान के सिंध तथा पश्चिमी पंजाब के सिंधु नदी से लगे हिस्से खैबर पख्तूख्वा के कोहाट जिले से खनन किया जाता है। पश्चिम पंजाब में नमक कोह नामक पहाड़ी श्रृंखला में इसकी खानें हैं। इस इलाके में प्रसिद्ध खेवड़ा नमक की खान है।
सेंधा नमक को लाहौरी नमक हिमालियन साल्ट या हाइलाइट भी कहा जाता है। सेंधा नामक का रासायनिक नाम सोडियम क्लोराइड है। इसे तमिल में यिन्तुपू , तेलगु में रति अपूपु, गुजरती में सिंधु लुन और बंगाली में साइनधाव लवण कहा जाता है।
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