Resham Ki Dori: वो फिल्म, जिसके लिए धर्मेंद्र को आखिरी बार मिला था बेस्ट एक्टर का नॉमिनेशन

Update: 2024-08-20 10:10 GMT
Mumbai. मुंबई: बॉलीवुड के हीमैन धर्मेंद्र ने अपने छह दशक के करियर में कई यादगार फिल्में दी। शोले सहित उनकी कुछ फिल्में हैं जिनकी यादें आज भी ताजा है। सबका दिल जीतने वाले धर्मेंद्र को दर्शकों का तो बेशुमार प्यार मिला लेकिन कभी बेस्ट एक्टर अवॉर्ड नहीं मिला। 50 साल पहले रिलीज फिल्म के लिए वह बेस्ट एक्टर कैटेगरी में नॉमिनेट हुए थे। एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है, प्यार के दो तार से संसार बांधा है... रक्षा बंधन के मौके पर बजने वाले गीतों में फिल्म रेशम की डोरी का यह गीत खूब सुनाई देता है। इंदीवर के लिखे इस गाने में मंद-मंद मुस्कराते धर्मेंद्र बहन बनीं अभिनेत्री कुमुद छुगानी से राखी बंधवा रहे हैं। 50 साल पहले आई मिल मजदूरों पर बनी यह फिल्म वैसे तो इसी गीत के लिए याद की जाती है, लेकिन इस फिल्म से एक ऐसा इत्तेफाक जुड़ा है, जिसकी कसक धर्मेंद्र को हमेशा रही।
1960 में फिल्म 'दिल भी तेरा, हम भी तेरे' से हिंदी सिनेमा में कदम रखने वाले धर्मेंद्र ने अपने फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं, मगर उन्हें कभी बेस्ट एक्टर के अवॉर्ड से नहीं नवाजा गया। फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए वो नॉमिनेट कई बार हुए, मगर विजेता नहीं बन सके। रेशम की डोरी से धर्मेंद्र के अवॉर्ड्स का क्या है इत्तेफाक, आपको बताते हैं। किस फिल्म के लिए धर्मेंद्र को मिला था बेस्ट एक्टर नॉमिनेशन?धर्मेंद्र को इंडस्ट्री में अपना करियर शुरू किये हुए छह दशक से ज्यादा का समय हो चुका है और उन्होंने अपने करियर में 300 से अधिक फिल्में की हैं। 1974 में रिलीज हुई 'रेशम की डोरी' उनके करियर की अहम फिल्मों में गिनी जाती है। इस फिल्म की रिलीज को 50 साल पूरे होने वाले हैं। मूवी में धर्मेंद्र के अलावा सायरा बानो भी मुख्य भूमिका में थीं। रेशम की डोरी ही वो फिल्म है, जिसके लिए धर्मेंद्र को फिल्मफेयर अवॉर्ड्स की बेस्ट एक्टर कैटेगरी में आखिरी बार
नॉमिनेशन
मिला था। इसके बाद धर्मेंद्र को इस कैटेगरी में कभी नॉमिनेशन तक नहीं मिला। उस साल 22वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में राजेश खन्ना ने आविष्कार के लिए बेस्ट एक्टर का पुरस्कार जीता था। अगर अभिनय के लिए धर्मेंद्र के नॉमिनेशंस देखें तो...
पहली बार 1965 में 'आई मिलन की बेला' फिल्म के लिए फिल्मफेयर की बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर श्रेणी में नॉमिनेट हुए थे।बेस्ट एक्टर कैटेगरी में उन्हें पहली बार 1967 में 'फूल और पत्थर' के लिए नॉमिनेट किया गया था।1972 और 1974 में 'वो मेरा गांव मेरा देश' और 'यादों की बारात' के लिए बेस्ट एक्टर कैटेगरी में नॉमिनेट हुए थे। धर्मेंद्र को फिल्म इंडस्ट्री में अपने योगदान के लिए अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, लेकिन जिस अवॉर्ड के लिए वो खुद को सबसे हकदार समझते थे, वो कभी नहीं मिला। इसकी कसक उनके मन में काफी समय तक रही।1997 में मिला था फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्डफिल्मफेयर का बेस्ट एक्टर अवॉर्ड पाने के लिए तरसे धर्मेंद्र को साल 1997 में 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया। इस दौरान ही उन्होंने इस बात का दुख व्यक्त किया था कि उन्हें कभी भी बेस्ट अभिनेता के रूप में सम्मान नहीं मिला। धर्मेंद्र ने कहा था- रेशम की डोरी में धर्मेंद्र और सायरा बानो के अलावा सुजीत कुमार, रमेश देओ, राजेंद्रनाथ, सप्रू, शिवराज,जानकी दास भी अहम भूमिका में थे। आत्मा राम निर्देशित रेशम की डोरी 21 अगस्त, 1974 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। यह फिल्म मुख्य रूप से बहन-भाई के प्यार को दिखाने के लिए याद की जाती है।
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