लो कैलोरी डाइट लेकर तेजी से वजन को घटाना सेहत के लिहाज से अच्छा नहीं
मोटापा आजकल बहुत बड़ी समस्या बन चुका है
मोटापा आजकल बहुत बड़ी समस्या बन चुका है. सिर्फ मोटापा बढ़ने से ही कई तरह की परेशानियां समय से पहले इंसान को घेरने लगती हैं. इसलिए ज्यादातर लोग अपने वजन को कंट्रोल करना चाहते हैं और इसके लिए कई तरह से प्रयास भी करते हैं. आजकल वजन कम करने के लिए कई तरह के लो कैलोरी डाइट प्लान चल गए हैं, जो तेजी से वजन को घटाने का काम करते हैं.
अपने व्यस्त शेड्यूल में लोगों को ये तरीका सबसे आसान लगता है, इसलिए तमाम लोग तेजी से वजन कम करने के लिए बगैर किसी परामर्श के ही लो कैलोरी या कैलोरी फ्री डाइट लेना शुरू कर देते हैं. लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि लो कैलोरी डाइट लेकर तेजी से वजन को घटाना अच्छा नहीं होता. इससे हमारी सेहत पर विपरीत असर पड़ता है. ये डाइट हमारे वजन को तो तेजी से कम कर देती है, लेकिन इसकी वजह से कई तरह की अन्य परेशानियां होने का खतरा रहता है. जानिए इसके बारे में.
थकान की समस्या
लो कैलोरी या कैलोरी फ्री डाइट लेने से वजन तो तेजी से घट जाता है, लेकिन इससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. आपने देखा होगा कि वजन कम करने वाले ज्यादातर लोग अपनी डाइट से चावल को हटा देते हैं और रोटी को बहुत कम कर देते हैं. इसकी वजह से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट नहीं मिल पाता है. ऐसे में शरीर में एनर्जी की कमी होती है और थकान महसूस होती रहती है.
मांसपेशियों पर विपरीत प्रभाव
तेजी से वजन घटाने के लिए लोग डाइटिंग करते हैं. डाइटिंग के चक्कर में वे खुद को लंबे समय तक भूखा रखते हैं. इससे मांसपेशियों पर विपरीत असर पड़ता है और मसल्स लॉस होने लगता है. वास्तव में डाइटिंग का मतलब भूखे रहना नहीं, बल्कि डाइट का मैनेजमेंट होता है जिससे आपका वजन भी घटता है और शरीर को पोषक तत्व भी मिलते रहते हैं. इसलिए किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही डाइटिंग का निर्णय लें.
मेटाबॉलिज़्म होता कमजोर
बहुत से लोग ये नहीं जानते कि डाइटिंग के चक्कर में लो कैलोरी या कैलोरी फ्री डाइट लेने से कई बार वजन घटने की बजाय बढ़ने लगता है. इसके अलावा मजोरी, कब्ज, मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द की समस्या होने लगती है. कभी कभी शरीर में पानी की कमी हो जाती है और मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है.
मेंटल हेल्थ पर असर
कम आहार लेने से वजन तो तेजी से घटता है, लेकिन इसका असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने लगता है. इसकी वजह से मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं होने लगती हैं. कई बार सिर में दर्द और चक्कर भी महसूस होते हैं. एनर्जी की कमी हो जाती है और व्यक्ति अपना कोई काम ठीक से नहीं कर पाता.