नाभि में लगाएं ये चीज, मिलेगा जबर्दस्त फायदा
एक तेल अपनी जरूरत के हिसाब से चुन लें लंबे समय तक उसी का प्रयोग करें तभी आपको पूरा लाभ मिलेगा.
नाभि हमारे शरीर के सेंटर पार्ट है. योग के विशेषज्ञ दावा करते हैं कि हमारे शरीर के सात प्रमुख चक्रों में से एक चक्र नाभि में होता है. योग नैचुरोपैथी के तमाम एक्सपर्ट बताते हैं कि नाभि में सोते समय तेल लगा लें तो तमाम बीमारियों में लाभ मिलता है. अब सवाल उठता है कि नाभि में तेल कौन सा लगाना है कितना तो चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. नाभि में अलग-अलग तेल लगाने से अलग-अलग लाभ होते हैं. किस समस्या से बचने के लिए कौन सा तेल लगाना चाहिए, अब ये आपको बताते हैं. अगर आपके बाल रुखे हैं, होंठ फटने लगे हैं. त्वचा रुखी है तो नाभि में सरसों का तेल लगाएं. सरसों के तेल नाभि में लगाने से इन सभी समस्याओं से राहत मिलती है. वहीं, नाभि में तेल लगाने से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है.
वहीं, अगर आपके बाल झड़ रहे हैं. मासपेशियों में मजबूती नहीं है तो आलिव आयल यानी जैतून का तेल लगाना चाहिए. यही नहीं, जैतून का तेल नाभि में लगाने से जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है. इसके अलावा बादाम का तेल नाभि में लगाने से भी बहुत फायदा मिलता है. इसे नाभि में लगाने के सबसे बड़ा लाभ है चेहरे की चमक. अगर चेहरा मुरझाया दिखता हो तो बादाम के तेल प्रयोग करके देखना चाहिए.
अगर आपके चेहरे पर पिंपल्स हों, स्किन डिजीज हों या चेहरे पर दाने हो गए हों तो नाभि में नीम के तेल लगाना चाहिए. नीम के तेल इन बीमारियों में बहुत तेजी से फायदा करता है. ये तो थी तेलों की बात. आपको बता दें कि गाय के दूध का घी भी नाभि में लगाने से बहुत सारे फायदे करता है. यह कब्ज जैसी समस्या दूर करता है. वहीं, होंठ फटने समस्या में भी घी लाभ करता है. बालों का झड़ना भी कम करता है.
अब सवाल उठता है कि यह तेल कब कितना लगाना है. तो बता दें कि कोई भी तेल या घी लगाने के सबसे बेहतरीन समय है सोते समय. सोने से पहले तेल की कुछ बूंदें अपनी नाभि पर लगा लें सो जाएं. सोते समय आपकी नाभि तेल को पूरी तरह आब्जर्व कर लेती है. इससे आपको तेल का पूरा लाभ मिलता है. तेल आप चम्मच से सीधे नाभि पर डाल सकते हैं लेकिन चार-पांच बूंद से ज्यादा नहीं डालें. अगर इस तरह तेल डालने में समस्या हो तो एक रूई का छोटा सा टुकड़ा तेल में भिगोकर नाभि पर डाल लें. जब नाभि पर कुछ बूंद तेल चला जाए तो रुई का टुकड़ा हटा दें. यह प्रयोग कुछ दिन करें लेकिन ध्यान रखें रोज-रोज तेल बदलें नहीं. एक तेल अपनी जरूरत के हिसाब से चुन लें लंबे समय तक उसी का प्रयोग करें तभी आपको पूरा लाभ मिलेगा.