इन बीमारियों में रामबाण है पुदीना, अस्थमा से लेकर हैजा तक कई समस्याओं में लाभकारी
पुदीने की तासीर ठंडी होती है. गर्मियों में पुदीने की चटनी का सेवन अधिक किया जाता है
पुदीने की तासीर ठंडी होती है. गर्मियों में पुदीने की चटनी का सेवन अधिक किया जाता है. पुदीने का सेवन करने से शरीर ठंडा और मन शांत रहता है. पुदीने में कई सारे पोषक तत्व होते हैं. पुदीने में मेंथोल, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मैंगनीज, विटामिन सी, विटामिन-ए, रिबोफ्लेविन, आयरन, वसा और कॉपर आदि पोषक तत्व होते हैं. इसके अलावा इसमें एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं. ये कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने का काम करता है.
पेट की समस्या दूर करने के लिए- पेट के रोग के लिए आप एक चम्मच शहद और एक चम्मच पुदीने के रस और गुनगुने पानी मिलाकर पी सकते हैं. इससे पेट को काफी आराम मिलता है. बदहजमी और पेट दर्द के लिए आप पुदीने को उबालकर शहद मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं. ये पेट की समस्या को दूर करता है.
उल्टी से राहत- पुदीने के पत्तों में दो बूंद शहद मिलाकर सेवन कर सकते हैं. ये उल्टी रोकने के लिए लाभकारी होता है.
खांसी और बुखार- काली मीर्च, काले नमक और पुदीने के रस से चाय तैयार कर सकते हैं. इससे जुकाम, खांसी और बुखार में आराम मिलती है. इसके अलावा पुदीने की पत्तियों का लेप बनाकर आप माथे पर भी लगा सकते हैं. इससे सिर दर्द में राहत मिलती है.
हैजा रोग – हैजा से पीड़ित लोग पुदीने के रस, नींबू के रस,प्याज के रस और सेंधा नमक को मिलाकर सेवन कर सकते हैं. ये लाभदायक होता है.
अस्थमा से बचाव के लिए- पुदीने में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी गुण होते हैं. ये एलर्जी और अस्थमा के लक्षणों से लड़ने में मदद करता है.
मांसपेशियों के दर्द में लाभकारी – पुदीने का तेल मांसपेशियों के लिए बेहद लाभकारी है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. ये मांसपेशियों के दर्द को कम करता है.
त्वचा के लिए – पुदीने में एंटी -इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं. पुदीने का रस मुंहासों वाली त्वचा निखारने का काम करता है. ये खुजली और संक्रमित त्वचा को शांत करने का काम करता है.
पुदीने के तेल का इस्तेमाल आप बाल बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं. ये सिर की त्वचा के पी.एच लेवल को संतुलित करता है. ये रुसी की समस्या को दूर करने के लिए भी मददगार है.
नुकसानदायक
पुदीने का अधिक मात्रा में सेवन करना गुर्दे और आंतों के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसलिए इसका सेवन सीमित तौर पर ही करें