पौधे बदल सकते हैं मानसिक स्थिति, हमारे दिल पर भी डालते हैं ये असर

Update: 2023-04-22 17:39 GMT
 
Effect Of Plants: पौधे, लोगों को जानवरों से काफी अलग दिखते हैं और बहुत से लोगों के लिए उन्हें खुद से अलग समझना आसान हो जाता है और वे इनके महत्व को समझने से चूक जाते हैं. कई लोग फूल और पेड़ों की सुंदरता और उनकी बनावट की तारीफ करते हैं और उन्हें पता है कि प्रकाश संश्लेषण (फोटोसिंथेसिस) जीवन के लिए जरूरी है, लेकिन पौधों से हमारा मानसिक तथा शारीरिक संबंध अपेक्षा से कहीं अधिक गहरा है.
पौधे ‘स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल’ (stress hormone cortisol) के स्तर को कम करके मनुष्यों में अवसाद, तनाव और व्यवहार में उतार-चढ़ाव (मूड डिसऑर्डर) के लक्षणों को कम कर सकते हैं. इससे हृदय गति नियंत्रित हो सकती है और मन अच्छा हो सकता है.
बागवानी का फायदा
कई अध्ययनों से पता चला है कि बागवानी (थेरेपी) से कुछ लोग उनके अभिघातजन्य तनाव विकार (पीटीएसडी) लक्षणों से निजात पा सकते है और बेहतर तरीके से जीवन जीने में उन्हें मदद मिल सकती है. जीवंत व प्राकृतिक रंगों से मस्तिष्क को प्रेरणा मिलती है जिससे आपकी रचनात्मकता बढ़ सकती है.
कुशलक्षेम की बढ़ती भावना
यहां तक ​​कि आपकी मेज पर रखे छोटे पौधों का भी आप पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है. आपने अपने घर या कार्यस्थल को रोशन करने के लिए जो घरेलू पौधे खरीदे हैं, वे वास्तव में आपको अधिक स्पष्ट रूप से सोचने में मदद कर सकते हैं.
अध्ययनों के अनुसार, पौधों से घिरे होने से आपकी एकाग्रता में 20 प्रतिशत तक सुधार हो सकता है और किसी जानकारी को याद करने की आपकी क्षमता में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. पौधे सीओ2 सांद्रता को कम करके और वायु की गुणवत्ता में सुधार करके ऐसा कर पाने में सक्षम होते हैं.
ब्रिटेन के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कार्यकारी (एचएसई) के दिशानिर्देशों के अनुसार, कार्यालयों में सीओ2 की मात्रा 1,000 भाग प्रति मिलियन (पीपीएम) से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके इस स्तर पर पहुंचने से सिरदर्द, थकान और चक्कर जैसी परेशानी हो सकती है. यह गलत फैसला लेने की वजह बन सकता है.
अध्ययन से पता चला है कि कुछ मामलों में घर के अंदर के पौधे एक घंटे से भी कम समय में कार्बन डाइऑक्साइड सांद्रता (carbon dioxide concentration) को 2000 पीपीएम से करीब 480 पीपीएम कर सकते हैं.
घर में लगाए जाने वाले लोकप्रिय पौधे जो कार्बन डाइऑक्साइड को प्रभावी ढंग से हटाते हैं, उनमें ब्लू स्टार फर्न (फ्लेबोडियम ऑरियम), वीपिंग फिग्स (फिकस बेंजामिना), ‘स्पाइडर’ पौधे (क्लोरोफाइटम कोमोसम) और एन्थ्यूरियम प्रजाति के पौधे (जैसे फ्लेमिंगो फूल) शामिल हैं.
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Source : Hamara Mahanagar Desk - Post By : Rekha Joshi Tue, Apr 18, 2023, 04:47
जल्दी नहीं आएगा बुढ़ापा
upplements For Women: पुरुष हों या महिलाएं, हर किसी को पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. जरूरी पोषक तत्व उम्र और सेहत के आधार पर निर्भर करती है. महिलाओं की सेहत की बात करें तो वो अपने परिवार वालों का ध्यान रखने के चक्कर में खुद की सेहत का ध्यान नहीं रख पाती है. इसकी वजह से उन्हें अक्सर कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में महिलाओं को सेहतमंद रहना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को किन 5 सप्लीमेंट्स की जरूरत होती है.
विटामिन डी (vitamin D)
मजबूत हड्डियों के लिए विटामिन डी आवश्यक है, क्योंकि यह शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है. महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस होने का अधिक खतरा होता है, खासकर मेनोपॉज के बाद, इसलिए पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है. आप सूरज की रोशनी से विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन कई महिलाओं को पर्याप्त नहीं मिल पाता है, इसलिए सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है.
ओमेगा -3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid)
ओमेगा -3 फैटी एसिड दिल की सेहत और दिमाग के काम के लिए महत्वपूर्ण हैं. ये सूजन को कम करने और कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकते हैं. महिलाएं मछली से ओमेगा-3 प्राप्त कर सकती हैं, लेकिन सप्लीमेंट लेना भी एक अच्छा विकल्प है.
कैल्शियम (calcium)
मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए कैल्शियम महत्वपूर्ण है, और यह मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों में भी भूमिका निभाता है. महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक कैल्शियम की आवश्यकता होती है, खासकर गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान. जबकि कैल्शियम डेयरी उत्पादों और कुछ सब्जियों में पाया जा सकता है, कुछ महिलाओं के लिए सप्लीमेंट लेना आवश्यक हो सकता है.
आयरन (Iron)
आयरन पूरे शरीर में ऑक्सीजन के पहुंचाने और एनीमिया को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है. महिलाओं में आयरन की कमी का खतरा अधिक होता है, खासकर गर्भावस्था और पीरियड्स के दौरान. मांस, बीन्स और पत्तेदार सब्जियों में आयरन पाया जा सकता है, लेकिन कुछ महिलाओं को सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता हो सकती है.
मैग्नीशियम (magnesium)
मैग्नीशियम शरीर में कई प्रक्रियाओं में शामिल होता है, जिसमें मांसपेशियों और तंत्रिका कार्य, ब्लड शुगर लेवल और मेटाबॉलिज्म को विनियमित करना शामिल है. महिलाओं को अपनी डाइट से पर्याप्त मैग्नीशियम नहीं मिल सकता है, इसलिए सप्लीमेंट लेना फायदेमंद हो सकता है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सप्लीमेंट को कम मात्रा में और डॉक्टर की सलाह पर ही लिया जाना चाहिए, क्योंकि कुछ सप्लीमेंट का बहुत अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है. संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और अच्छी नींद भी पूरे स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए महत्वपूर्ण हैं.
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