नाइट शिफ्ट्स में काम करने वालों लोगों को कैंसर का अधिक खतरा,जानिए

कंपनियों में इन दिनों नाइट शिफ्ट्स में काम करने का ट्रेंड काफी बढ़ गया है. कई कंपनिया है जो 24 घंटों चलती हैं जिसकी वजह से लोग अलग- अलग शिफ्ट्स में काम करते हैं.

Update: 2021-03-09 10:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि जो लोग रात की शिफ्ट में काम करते हैं उन्हें सामन्य शिफ्ट में काम करने वाले लोगों की तुलना में अलग-अलग तरह के कैंसर होने का खतरा अधिक हो जाता है.

नाइट शिफ्ट
कंपनियों में इन दिनों नाइट शिफ्ट्स में काम करने का ट्रेंड काफी बढ़ गया है. कई कंपनिया है जो 24 घंटों चलती हैं जिसकी वजह से लोग अलग- अलग शिफ्ट्स में काम करते हैं. इस बात पर पहले भी रिसर्च हो चुकी है कि रात को काम करना सेहत के लिए नुकसानदायक है. हाल ही में एक नई स्टडी हुई है. इस स्टडी में कहा गया है कि जो लोग रात की शिफ्ट्स में काम करते हैं उन लोगों में कैंसर  का खतरा अधिक होता है.

वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि जो लोग रात की शिफ्ट में काम करते हैं उन्हें सामन्य शिफ्ट में काम करने वाले लोगों की तुलना में अलग-अलग तरह के कैंसर होने का खतरा अधिक होता है. स्टडी में यह बात सामने आई कि शरीर 24 घंटे एक रिदम में काम करता है, इस दौरान कैंसर से जुड़े कुछ जींस की एक्टिविटी में बांधा उत्पन्न करता है जिसकी वजह से नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों के डीएनए डैमेज के प्रति सेस्टिव हो जाते हैं. इसके साथ ही डीएनए डैमेज को रिपेयर करने वाला तंत्र भी सही से काम नहीं कर पाता है.

इस स्टडी को पाइनियल रिसर्च के जर्नल में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया. इस अध्ययन में लैब एक्सपेरिमेंट्स हुए है जिसमें स्वस्थ प्रतिभागियों को शामिल किया गया और सभी को सिमुलेटेड नाइट और डाइट शिफ्ट्स के शेड्यूल में रखा गया. हालांकि


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