Parenting: कई पेरेंट्स इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि उनके बच्चे को छोटी सी भी बात बर्दाशत नहीं होती है। वो बहुत जल्दी रोने लगता है। लेकिन इसके लिए उनको दोषी ने ठहराएं, उनकी कोई गलती नहीं है। ऐसा पेरेंटिंग स्टाइल में कमी होने की वजह से होता है कि बच्चे Emotionally Strong नहीं बन पाते हैं और बात- बात में रोने लगते हैं। इसके पीछे की वजह स्कूल में उसकी किसी परेशानी का झेलना भी हो सकता है। ऐसे में उन्हें डांटने के बजाए, उनकी परेशानी को समझने की कोशिश करें, ताकि वो मेंटली स्ट्रॉग बने।
बच्चों की बात सुनें
जब वो आपसे कुछ कहे तो उसे ध्यान से सुनें।उनकी बातों को अहमियत दें। ऐसे में वो सम्मानित महसूस करेंगे और उन्हें लगेगा की कोई उन्हें सुन और समझ रहा है। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और मानिसक तौर पर वो मजबूत बनेंगे।
सिखाएं समस्या का सामना करना
किसी मुश्किल में फंसने पर उन्हें खुद पर विश्वास करके इससे निकलना सिखाएं। इसके लिए आप उसे फेवरेट हॉबीज में डालें, उसके अंदर प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल डेवलप करें। इससे उनका हौसला बढ़ेगा और वो किसी समस्या से डरेंगे नहीं।
भावनाओं के बारे में करें बात
उसे समझाएं कि हर किसी को अलग-अलग भावनाएं होती हैं और इसमें कुछ भी बुरा नहीं है। इससे वो दूसरों की भावनाओं को भी समझेंगे।
छोटी- छोटी बातें से सिखाएं खुशी ढूंढना
छोटी- छोटी सफतलाओं पर भी खुश हो। इससे वो सीखेगा कि हर कदम महत्वपूर्ण है।
बच्चों को भी दें बोलने का अधिकार
अक्सर यह देखा गया है कि जो बच्चे अपनी बात या अपनी भावनाओं को एक्सप्रेस करना नहीं सीख पाते वे जीवनभर इमोशनली वीक रह जाते हैं। इसलिए अपने बच्चे को अपनी हर बात बोलने का अधिकार दें और उन्हें अपने इमोशन को शो करने का तरीका बताएं।
दें गलती करने का आजादी
बच्चे को गलती करने की आजादी दें। अगर आप बात बात पर टोकते हैं और उसे गलत करने से मना करते हैं तो इस तरह वह चीजों को सीख नहीं पाएगा और उसका आत्मविश्वास और भी घट जाएगा। अगर आप उसे emotionally strong बनाना चाहते हैं तो कॉन्फिडेंट बनाने का प्रयास करें।