सर्दियों में न बढ़े कोई समस्या, इसलिए अस्थमा के मरीज रखें इन 4 बातों का खयाल
सर्दी के मौसम में ठंड के प्रभाव से सांस नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं
सर्दी के मौसम में ठंड के प्रभाव से सांस नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, इसकी वजह से अस्थमा के मरीजों के लिए समस्या काफी बढ़ जाती है. ऐसे में अस्थमा के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है. ऐसे में अस्थमा अटैक आने का रिस्क काफी बढ़ जाता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसम में अस्थमा के रोगियों को इन्हेलर हर वक्त अपने साथ रखना चाहिए ताकि समस्या बढ़ने पर उसे समय रहते नियंत्रित किया जा सके. इन्हेलर के जरिए मरीज जो दवा इन्हेल करता है उससे उसकी सिकुड़ी हुई सांस नलियां वापस अपने स्वरूप में आ जाती हैं. ऐसे में उसे तत्काल रूप से राहत मिलती है.
इन्हेलर का पूरा फायदा लेने के लिए इसको सही तरीके से लेने का तरीका मालूम होना बहुत जरूरी है. इसे लेने के 4 स्टेप हैं. पहले स्टेप में अपनी सांस को छोड़कर फेफड़ों को पूरी तरह खाली करें. दूसरे स्टेप में लंबी सांस लेकर इन्हेलर से दवा को अच्छे से इन्हेल करें ताकि फेफड़ों में पूरी तरह से दवा पहुंच जाए. तीसरे स्टेप में दवा खींचने के बाद सांस को दस सेकंड तक रोककर रखें. चौथे स्टेप में सांस को छोड़ें और आखिर में कुल्ला कर लें.
सर्दी में अस्थमा अटैक से बचने के लिए कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं. इसके लिए शरीर को गर्म बनाए रखने के लिए गर्म कपड़े अच्छे से पहनें, ताकि ठंडक परेशानी न बढ़ाए. ज्यादा मेहनत वाले व्यायाम न करें. टहलने जाते हैं तो धूप निकलने के बाद ही घर से निकलें.