इन वजहों से रोता है नवजात बच्चा, नई माताओं को ये बात जानना जरुरी
नन्हा बच्चा पूरी तरह से अपनी मां पर निर्भर होता है
नन्हा बच्चा पूरी तरह से अपनी मां पर निर्भर होता है. उसे बोलना नहीं आता इसलिए वो अपनी परेशानी को रोकर बताता है. आमतौर पर नन्हा शिशु दो से तीन घंटे पर रोता है. अगर आप नई मां बनी हैं और बच्चे को लेकर किसी तरह का अनुभव नहीं है तो यहां जानें कि आपके लाडले के रोने की क्या-क्या वजह हो सकती हैं.
1. आमतौर पर बच्चे भूखे होने पर रोते हैं और फीड करते ही चुप हो जाते हैं. जन्म के बाद करीब तीन महीने तक बच्चों को हर घंटे पर भूख लगती है. उनकी भूख के संकेतों को यदि समय रहते समझ लिया जाए तो उसे पहले ही स्तनपान कराकर चुप करा सकती हैं.
2. कई बार बच्चे यूरिन करने के बाद देर तक गीला नैपी पहने रहते हैं या गीले बिस्तर पर पड़े रहते हैं. ऐसे में उन्हें परेशानी होती है तो वे रोकर अपनी परेशानी को जाहिर करते हैं.
3. बच्चे अपना तापमान नियंत्रित नहीं कर सकते. ऐसे में जब उन्हें बहुत ज़्यादा गर्मी या ठंड लगती है, तो वे रोना शुरू कर देते हैं. मां को चाहिए कि वो मौसम के हिसाब से बच्चे की जरूरत को समझने का प्रयास करे.
4. कई बार बिस्तर पर पड़े हुए बच्चा थक जाता है और वो गोद में आने की इच्छा करता है. ऐसे में वो रोना शुरू कर देता है. जैसे ही उसे गोद में लिया जाता है तो वो फौरन चुप हो जाता है. ऐसे में बच्चे की हल्के हाथों से मसाज करनी चाहिए या उनकी पीठ को सहलाना चाहिए. इससे बच्चे को आराम मिलता है.
5. कई बार शिशु अपने आसपास बहुत सारे लोगों को देखकर भी चिड़चिड़ा हो जाता है और वो बार-बार रोता है. ऐसे में उसे किसी शांत जगह पर ले जाकर पीठ थपथपाकर उसे सुला देना चाहिए.
6. कई बार बच्चा दूध पीने या कुछ खाने के बाद भी रोता है. ऐसे में समझ लेना चाहिए कि डकार न ले पाने की वजह से उसे उलझन हो रही है. ऐसे में बच्चे को कंधे से टिकाकर उसकी पीठ को सहलाना चाहिए और उसे डकार दिलानी चाहिए.