गर्दन की नस दबने का इलाज : गर्दन की जकड़न, नस पे नस चढ़ने के लिए आजमाएं ये 5 घरेलू उपचार

तो उन्हें तंत्रिका को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए तुरंत रोकना चाहिए।

Update: 2021-08-09 10:53 GMT

इससे पीड़ित को मूवमेंट करने में काफी दर्द हो सकता है इससे गर्दन में सुन्नता की तकलीफ हो जाती है घर में हो सकता है इसका इलाज

गर्दन की नस दबना एक आम समस्या है जिससे गर्दन में गंभीर दर्द हो सकता है। इसे स्पाइनल नर्व (spinal nerves) भी कहा जाता है। इससे पीड़ित को मूवमेंट करने में काफी दर्द हो सकता है। दरअसल गर्दन के आस पास की हड्डियों और मांसपेशियों द्वारा किसी भी तंत्रिका पर अत्यधिक दबाव डाले जाने के कारण नस दब जाती है।

दबाव के कारण तंत्रिका के कार्य में बाधा पड़ जाती है जिससे दर्द और सुन्नता की तकलीफ हो जाती है। आमतौर पर यह समस्या किसी उपचार के बिना समय के साथ ठीक हो सकती है। कई बार यह ठीक नहीं होती है जिसके लिए डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।

गर्दन की नस दबने का कारण, गर्दन की नसों में दर्द क्यों होता है

गर्दन के आस पास की हड्डियों और मांसपेशियों द्वारा किसी भी तंत्रिका पर अत्यधिक दबाव डाले जाने के कारण नस दब जाती है जिससे अनेक समस्याएं विकसित होने लगती हैं।यह समस्या किसी पुरानी चोट, गठिया, तनाव, शारीरिक गतिविधियां और मोटापा की वजह से भी हो सकती है। इसे आम भाषा में गर्दन का अकड़ना भी कहते हैं।

गर्दन की नस दबने के लक्षण

गर्दन की नस दबने पर आपको कंधे में दर्द, दर्द जो हाथ से गर्दन के नीचे तक जाता है, मांसपेशियों में अत्यधिक कमजोरी महसूस होना, उंगलियों या हाथों में झुनझुनी महसूस होना और उपरोक्त क्षेत्रों में सनसनी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।

गर्दन की नस दबने का आयुर्वेदिक उपचार

हल्दी

हल्दी में कर्कुमिन मौजूद होता है जिसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द को ठीक कर देते हैं। इसके लिए एक चम्मच पीसी हुई हल्दी, एक गिलास दूध और एक चम्मच शहद को अच्छे से मिला लें। इसे थोडा ठंडा होने पर पी लें।

सेंधा नमक

सेंधा नमक में मैग्नीशियम पाया जाता है जो दर्द और सूजन को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है। पानी में ये डालकर नहाने से आपके गर्दन की नस के दर्द में आराम मिलता है। इसके लिए अपने नहाने के पानी में सेंधा नमक डाल लें। इस पानी में 15-20 मिनट तक बैठे। अच्छे परिणाम पाने के लिए इसे हफ्ते में तीन बार प्रयोग करें।

गर्दन की नस दबने का इलाज

अरंडी का तेल

अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड पाया जाता है जो नस दबने के दर्द निवारण में सहायता करता है। इसके लिए अरंडी का तेल अपने हाथों में लें और गर्दन के आसपास प्रभावित स्थान पर लगायें। अपनी गर्दन पर 5-10 मिनट तक मालिश करें। गर्म सेंक दस मिनट के लिए उस स्थान पर रख लें।

ट्रैप स्ट्रेच एक्सरसाइज

आपकी ट्रेपेज़ियस मांसपेशियां आपकी गर्दन के पीछे होती हैं। यदि वे बहुत तंग हैं, तो वे आपकी रीढ़ और नसों को संकुचित कर सकते हैं। यह व्यायाम इन मांसपेशियों को ढीला करेगा और फंसी हुई नसों को मुक्त करेगा। इसके लिए अपने दाहिने हाथ को अपनी जांघ के नीचे रखें। अपने बाएँ हाथ से, धीरे से अपने सिर को बाईं ओर झुकाएं। 30 सेकंड के लिए रुकें। प्रत्येक तरफ 3 बार दोहराएं।

गर्दन की नस दबने का उपाय

चिन टक

यह आपकी गर्दन को लंबा करके गर्दन की मांसपेशियों में तनाव को कम करता है। यह सिर और गर्दन में आसन को भी बेहतर करेगा। इसके लिए अपनी उंगलियों को अपनी ठोड़ी पर रखें। धीरे से अपनी ठोड़ी को अपनी गर्दन की ओर धकेलें, जब तक कि आपके पास "डबल चिन" न हो। तीन से पांच सेकंड के ऐसे ही रहे। तीन से पांच बार दोहराएं। एक बार जब आप सहज हो जाते हैं, तो अपनी उंगलियों का उपयोग किए बिना चिन टक की कोशिश करें।

ज्यादा आराम करें

नींद और आराम इसके लिए जरूरी है। नींद के दौरान शरीर खुद की मरम्मत करता है, इसलिए ऐसा करने के लिए अधिक समय देने से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। कई मामलों में, प्रभावित क्षेत्र को आराम देने के लिए अतिरिक्त नींद जरूरी है।

गर्दन की नस पर नस चढ़ जाए तो क्या करें

पोश्चर में बदलाव करें

गर्दन अकड़ना कभी कभी गलत मुद्रा के साथ बैठने या खड़े होने से भी हो सकता है। इससे रीढ़ और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। बैठने के दौरान कुशन, एडजस्टेबल चेयर और गर्दन का उपयोग करने से आराम मिलता है और दबाव को कम करने में मदद मिलती है।

स्ट्रेचिंग और योग

हल्की अकड़न को स्ट्रेचिंग और योगासन से कम करने में मदद मिल सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि बहुत ज्यादा स्ट्रेचिंग और योगासन से बचें। क्योंकि इससे लक्षण और भी बदतर हो सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति व्यायाम करते समय किसी दर्द या परेशानी का अनुभव करता है, तो उन्हें तंत्रिका को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए तुरंत रोकना चाहिए।

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