जैसा कि हम महिला दिवस मनाने वाले हैं, आइए अपनी चर्चा को केवल कार्यस्थलों में महिला सशक्तिकरण करने तक ही सीमित न रखें. इसके बजाय क्यों न हम ‘महिलाओं’ की हर बात पर बात करें? आइए हम उन विषयों पर चर्चा करें जो महिलाओं के लिए बेहद अंतरंग और प्रासंगिक हैं. ऐसा करने से न केवल यह सुनिश्चित होगा कि महिलाओं को कार्यस्थलों पर बेहतर ढंग से समझा जाएं, बल्कि आमतौर पर उनकी अच्छी सेहत का मार्ग भी प्रशस्त होगा.
इस संदर्भ में, पीसीओएस या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, जिसका महिला के हार्मोन के स्तर पर प्रभाव पड़ता है, कुछ ऐसा है जिस पर चर्चा की जानी चाहिए. समझने के लिए, पीसीओएस ऐसी मेडिकल कंडिशन है, जिसमें महिलाओं में पुरुष हार्मोन सामान्य की तुलना में अधिक पैदा होता है. नतीजतन, इसकी वजह से मासिक धर्म में अनियमितता, बालों के अत्यधिक ग्रोथ, मोटापा और मुंहासे जैसी समस्याएं पैदा होती हैं. पीसीओएस से जुड़े बहुत सारे मिथक हैं और हमारा मानना है कि हमें इन पर पड़ी धूल को साफ़ करना चाहिए. इस पीसीओएस से जुड़े आम मिथकों के बारे में हमें बताया जानी-मानी रिसर्च और न्यूट्रिशन बेस्ड हेल्थ केयर कंपनी पॉसिबल की चीफ़ न्यूट्रिशनिस्ट सुहासिनी मुद्रागनम ने.
तो, यहां पीसीओएस से जुड़े कुछ सबसे बड़े मिथक हैं और ये वैज्ञानिक दृष्टि से कितने सही हैं: