लंबे समय तक मास्क के उपयोग से शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जानें उपाय

इन सबके बीच कोरोना से बचाव में सभी कारागर हथियार फेस मास्क को ही बताया जा रहा है.

Update: 2022-06-27 00:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में कोरोना वायरस का संक्रमण का संकट बरकार है, बीच कोरोना के सक्रिय मामलों की कुल संख्या बुधवार को लगातार दूसरे दिन घटकर 37,04,099 हो गई. अब यह देश के कुल कोरोना पॉजिटिव मामलों का 15.87 प्रतिशत है. पिछले 24 घंटों में सक्रिय मामलों में 11,122 की गिरावट दर्ज की गई. वहीं, राष्ट्रीय राजधानी के आसपास के हरियाणा के जिलों में उच्च पॉजिटिविटी दर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. यहां कोरोना के अधिकांश मामले ग्रामीण क्षेत्रों से सामने आ रहे हैं. वहीं, इन सबके बीच कोरोना से बचाव में सभी कारागर हथियार फेस मास्क को ही बताया जा रहा है.

देश में दूसरी लहर की शुरुआत से ही तमाम एक्सपर्ट्स और सरकारें लोगों से कह रही हैं कि वो डबल मास्क लगाकर ही घर से निकलें और अगर घर में भी परिजनों से साथ नजदीक बैठे हैं तो डबल मास्क का प्रयोग करें. वहीं सोशल मीडिया पर मास्क लगाने को लेकर कुछ और ही दावा किया जा रहा है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि लंबे समय तक मास्क के उपयोग से शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस मैसेज की पड़ताल पीआईबी फैक्ट चेक ने किया है. पीआईबी फैक्ट चेक की टीम ने इसकी पूरी पड़ताल करके. पीआईबी फैक्ट चेक के ट्विटर हैंडल पर शेयर किया. पीआईबी फैक्ट चेक की टीम ने वायरल हो रहे इस मैसेज की पड़ताल में लंबे समय तक मास्क के उपयोग से शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. इसे फर्जी पाया है.
पीआईबी फैक्ट चेक के ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा- दावा: एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि लंबे समय तक मास्क के उपयोग से शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. PIB Fact Check में यह दावा फर्ज़ी है. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सही तरीके से मास्क जरूर लगाएं.


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