Lifestyle: राखी जाने ज्योतिषाचार्य से जाने क्या है रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

Update: 2024-08-19 08:26 GMT

लाइफस्टाइल: रक्षाबंधन का पर्व सोमवार को मनाया जायेगा। इस बार रक्षाबंधन में कई अदभुत संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य अखिलेश चंद्र चमोला ने कहा कि रक्षाबंधन भाई के प्रति बहन के असीम स्नेह और बहन के प्रति भाई के कर्तव्य को उजागर करने वाला त्योहार है। यह त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाये जाने वाले इस त्यौहार में बहन भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है और भाई बहन को आजीवन रक्षा का वचन देता है। बताया कि इस वर्ष रक्षाबंधन पर कई तरह के अदभुत व प्रभावकारी संयोग बन रहे हैं। पूर्णिमा तिथि 3 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर रात्रि 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। बताया कि 19 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जायेगा। इस दिन भद्रा भी है। भद्रा सुबह 5 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 32 मिनट तक है। इस कारण रक्षा सूत्र धारण करने में भाईयों को प्रतिक्षा करनी पडेगी। इस पर्व पर कई तरह के शुभ योग भी बन रहे हैं। स्वार्थ सिद्वि योग, रवि योग, धनिष्ठा नक्षत्र समेत कई शुभ प्रभावकारी योगों का निर्माण हो रहा है। बताया कि रक्षाबंधन का सही समय 1 बजकर 35 मिनट से लेकर 4 बजकर 20 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मूहुर्त है।

पूजा- सामग्री की पूरी लिस्ट

राखी

रक्षाबंधन के पर्व में सबसे जरूरी चीज राखी होती है। पूजा की थाली में राखी का होना बहुत जरूरी है।

रोली

रक्षाबंधन के दिन बहनें सबसे पहले भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं। तिल क लगाने के लिए रोली की आवश्यकता होती है। रक्षाबंधन के दिन पूजा थाली में राखी को जरूर रखें। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले तिलक लगाने की परंपरा है।

चावल

तिलक लगाने के बाद माथे पर चावल भी लगाया जाता है। इसको अक्षत भी कहते हैं। रक्षाबंधन के दिन पूजा की थाली में चावल जरूर रखें।

आरती के लिए दीपक

रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई की आरती भी उतराती हैं। आरती उतारने के लिए दीपक की जरूरत होगी, इसलिए पूजा की थाली में दीपक को जरूर रखें।

मिठाई

त्योहारों हो और मिठाई न हो तो ऐसा हो ही नहीं सकता है। रक्षाबंधन के पावन पर्व में बहनें भाई को मिठाई खिलाती हैं। पूजा की थाली में मिठाई जरूर रखें।

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