Lifestyle: बारिश में टूटते-झड़ते बालों से हैं परेशान, तो करें यह उपाय

मानसून की दस्तक के साथ बाल झड़ने की समस्या में तीस फीसदी तक इजाफा हो जाता है

Update: 2024-07-14 04:15 GMT

लाइफस्टाइल: उमस और बारिश का मौसम आते ही क्या आपके भी तकिया, कंधे, तौलिया या फिर कपड़ों पर टूटे हुए बाल ज्यादा नजर आने लगते हैं? जवाब अगर हां है, तो इस समस्या से जूझने वाली आप अकेली नहीं हैं। जानकारों की मानें तो मानसून की दस्तक के साथ बाल झड़ने की समस्या में तीस फीसदी तक इजाफा हो जाता है। आमतौर पर जहां हमारे हर रोज 50 से 60 बाल टूटते हैं, वहीं बारिश के मौसम यह संख्या बढ़कर 250 या उससे भी ज्यादा हो जाती है।

क्यों बाल टूटते हैं ज्यादा?

अब आपके जहन में एक सवाल जरूर उठ रहा होगा कि भला मानसून में बाल ज्यादा क्यों टूटते हैं? इसका जवाब देते हुए हेयर एक्सपर्ट बीनू देहिनवाल बताती हैं कि मानसून में नमी ज्यादा होती है और सीबेशियस ग्लैंड तेल का ज्यादा उत्पादन करती है, जिसे हम सीबम के नाम से जानते हैं। इस कारण हमारी स्कैल्प चिपचिपी बनी रहती है जो कि धूल और गंदगी को अपनी ओर ज्यादा आकर्षित करती है।

बाल न रहें गीले: बारिश को देखते ही उसमें भीगने को दिल करता है। तो कभी न चाहते हुए भी भीगना पड़ता है, जिससे बाल भी गीले हो जाते हैं। बालों को सुखाने में बिल्कुल भी आलस न कीजिए। बालों की नमी उनके टूटने का कारण बनेगी। बालों को सुखाने के लिए माइक्रोफाइबर वाले तौलिए का प्रयोग करें। गीले बालों में कंघी करने से बचें। बालों को सुखाने के लिए तौलिए को बालों पर लपेट कर जूड़ा बना लेना भी झड़ते बालों का कारण बन सकता है।

केमिकल से रखिए दूरी: इस मौसम में केमिकल ट्रीटमेंट से दूर रहिए। यह उपचार बालों को तैलीय और चिकना बनाते हैं, जिससे बालों और स्कैल्प को नुकसान होता है। इससे बालों के टूटने और झड़ने की आशंका बढ़ जाती है। बेहतर होगा कि आप इस मौसम में हेयर स्प्रे और जेल आदि का प्रयोग करने से भी बचें। बालों की स्टार्इंलग भी सोच-समझकर करें। मानसून में हेयर स्ट्रेटनर, हेयर कर्लर सरीखे उपकरण भी आपके बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसका अधिक तापमान बालों के झड़ने की समस्या को बढ़ा सकते हैं।

खुराक से मिलेगी मदद: बालों का झड़ना रोकने के लिए पोषण का तड़का जरूरी है, जिसका रास्ता आपकी रसोई से होकर गुजरता है। इस बाबत आहार सलाहकार डॉ. भारती दीक्षित बताती हैं कि बालों की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए बायोटिन, आयरन, विटामिन-सी, विटामिन-डी, जिंक आदि पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जिसके लिए आपको दाल और बीन्स की मदद लेनी होगी। इनमें फॉलिक एसिड, प्रोटीन और जिंक होते हैं, ये तीनों ही पोषक तत्व बालों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

नुस्खे करेंगे कमाल: इस मौसम में बालों की कंडीर्शंनग के लिए आप दही का प्रयोग कर सकती हैं। इसमें मौजूद साइट्रिक एसिड स्कैल्प को साफ रखने में मदद करेगा और उसे जरूरी नमी भी प्रदान करेगा।अपने स्कैल्प को हाइड्रेट रखने के लिए अलसी के बीजों का पैक भी बना सकती हैं। इसके लिए आपको अलसी के बीजों को पानी में उबालना है और सामान्य तापमान होने पर फ्रिज में रख देना है। उस पानी को स्कैल्प पर लगाना होता है।मानसून में बालों को दुरुस्त रखने के लिए आप आंवला, भृंग्रराज और शिकाकाई भी काम करेंगे। इन तीनों के पाउडर को नारियल तेल में मिलाकर आप मास्क भी बना सकती हैं, जिसे स्कैल्प पर आधे से एक घंटे तक रखना होगा। आप इन तीनों पाउडर को अगर अलसी के पानी में मिलाकर बालों में लगाती हैं तो बालों की रंगत बदली नजर आएगी।अगर आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकतीं तो एलोवेरा जेल को स्कैल्प पर इस्तेमाल कर सकती हैं। इसमें एंटीमाइक्रोबियल खूबियां होती हैं। इसे बाल धोने के दो घंटे पहले स्कैल्प पर प्रयोग कीजिए। आप इस जेल को तेल और शैंपू में मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकती हैं।अतिरिक्त तेल को स्कैल्प से हटाने के लिए पंद्रह मिनट के लिए स्कैल्प पर नीबू का रस कारगर रहेगा। केले को मैश कर उसमें शहद को मिलाएं और बालों पर 50 मिनट के लिए लगाएं। बालों का रूखापन दूर होगा।

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