आइए जानें सरसों तेल के घरेलू और पुराने पारंपरिक उपाय
सर्दियों में तेल मालिश करना बेहद मददगार होता है।
जनता से रिश्ता। सर्दियों का मौसम बस आ ही गया है और अब हम स्वादिष्ट खाने की चीज़ों, खूबसूरत स्वेटर और परिवार व दोस्तों के साथ बैठकर घंटों बातें करना का इंतज़ार नहीं कर पा रहे। सर्दियां हमें चिलचिलाती धूप से कम दिन छुटकारा तो दिलाती है, लेकिन इसके अलावा रूखी और दर्दनाक त्वचा का कारण भी बनती है। हालांकि, बाज़ार में अच्छे मॉइश्चराइज़र्स से लेकर कोल्ड क्रीम्स और आफ्टर बाथ ऑयल्स भी मिल जाते हैं। लेकिन इन प्रोडक्ट्स का असर तब तक ही रहता है जब तक आप इन्हें इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में घरेलू और पुराने पारंपरिक उपाय ज़्यादा असरदार साबित होते हैं। जिनके हिसाब से सर्दियों में तेल मालिश करना बेहद मददगार होता है।
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खासतौर पर सरसों के तेल की मालिश पर काफी ज़ोर दिया जाता है। हमने अक्सर सरसों के तेल की मालिश के फायदों के बारे में सुना है, लेकिन आज हम बताएंगे कि सरसों का तेल ही क्यों बेहतर होता है।
त्वचा के लिए सरसों के तेल की मालिश
एंटी-बैक्टीरियल गुण
सरसों का तेल को ई.कोली, स्टैफिलोकोकस ऑरियस और बैसिलस सेरेस जैसे आंत और त्वचा के संक्रामक बैक्टीरिया के विकास को रोकने के लिए जाना जाता है।
कुछ ऐसे कवक और मोल्ड भी हैं, जिन पर सरसों के तेल का असर होता है और उसकी उपस्थिति में कम फैलते हैं।
स्किन बैरियर
मज़बूत एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों की वजह से सरसों का तेल मुक्त कणों, धूल और मलबे जैसे एजेंटों द्वारा क्षति के खिलाफ त्वचा पर एक सुरक्षा कवच बनाता है।
त्वचा को करता है मॉइश्चराइज़
सरसों के तेल में विटामिन-ई और ओमेगा फैटी एसिड्स की भरपूर मात्रा होती है, जो इसे एक अच्छा मॉइश्चराइज़िंग एजेंट बनाता है। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में सरसों का तेल बेहद फायदेमंद साबित होता है, जब त्वचा रूखी, फ्लेकी हो जाती है और उसे खास ख़्याल की ज़रूरत होती है।
आयुर्वेद में माना जाता है कि सरसों के तेल से मालिश करने पर रक्त प्रवाह, त्वचा की बनावट में सुधार होता है और मांसपेशियों का तनाव कम होता है। यह पसीने की ग्रंथियों को भी सक्रिय करता है और स्कैल्प को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है। पारंपरिक तौर पर छोटे बच्चों की सरसों के तेल से मसाज की जाती है, ताकि उनकी त्वचा कोमल रहे और वे इंफेक्शन से दूर रहें। यह तेल बीटा-कैरोटीन और विटामिन्स से भरपूर होता है, इसलिए यह बालों की ग्रोथ और स्कैल्प की सेहत के लिए बेहतरील उपाय है।
एंटी-इंफ्लामेटरी तेल
शोध में साबित हुआ है कि घाव पर अगर सूजन आ गई है, तो सरसों का तेल इसमें राहत देने का काम करता है। साथ ही ये यह दर्द की जांच कर और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके, एटोपिक जिल्द की सूजन, सोरायसिस आदि सहित कई त्वचा स्थितियों में पपड़ीदार और खुजली वाली त्वचा को शांत करता है।
गर्माहट पैदा करने वाले गुण
आयुर्वेद के मुताबिक, सरसों के तेल से जब त्वचा पर मालिश की जाती है, तो यह त्वचा में अवशोषित होने पर गहरी गर्मी देता है। सर्दियों में, सबसे ज़्यादा फायदे के लिए सीमित मात्रा में (10-15 मिली) सिर पर इस तेल से मालिश करें।