Leg attack : सुस्त लाइफस्टाइल, बढ़ता तनाव और खानपान की खराब आदतों की वजह से आज व्यक्ति सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है। ऐसी ही सेहत से जुड़ी एक नई समस्या का नाम है लेग अटैक। आपने आजतक हार्ट अटैक,ब्रेन स्ट्रोक जैसे रोगों के नाम तो कई बार सुने होंगे लेकिन क्या आप लेग अटैक के बारे में भी कुछ जानते हैं? यह स्थिति अटैक ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक जितनी ही खतरनाक मानी जाती है। अगर समय रहते इस रोग का इलाज न किया जाए तो के पैर सड़ने लगते हैं और खून का दौरा रूकने से व्यक्ति के पैर का वो हिस्सा बेजान हो जाता है। व्यक्ति
क्या होता है लेग अटैक-
लेग अटैक वो स्थिति है जब पैरों की नसों में किसी जगह Blood Clotting हो जाती है। जिसकी वजह से ब्लड वेसल्स मोटी हो जाती है और खून का प्रवाह धीरे होने लगता है। ये परेशानी ज्यादातर डायबिटीज रोगियों और धूम्रपान करने वालों को होती है।
किन लोगों को ज्यादा होता है लेग अटैक का खतरा?-
लेग अटैक का ज्यादातर खतरा डायबिटीज रोगियों में बना रहता है। बता दें,डायबिटीज के 20 फीसदी मरीज लेग अटैक का शिकार बनते हैं। कई बार स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि मरीज को अपने पैर तक कटवाने पड़ते हैं या फिर इंफेक्शन इतना ज्यादा फैल जाता है कि मरीज की जान तक चली जाती है।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसन में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक डायबिटीज के ऐसे मरीज जिनके पैर काटने पड़ते हैं उनमें से 43 प्रतिशत ऐसे हैं जिनकी मौत ऑपरेशन के 5 साल के अंदर हो जाती है। डायबिटीज के मरीज को अक्सर यह सलाह दी जाती है कि मरीज अपने चेहरे से ज्यादा पैरों की देखभाल करें। ऐसा इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि पैरों की नसों में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से हो नहीं पाता है जिसके इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
लेग अटैक के लक्षण-
-पैर के उस हिस्से में बहुत तेज दर्द होता है, जहां का ब्लड सर्कुलेशन रूका हुआ होता है।
– चलने-फिरने के दौरान मांसपेशियों में तेज दर्द या पैरों में सुन्नता का महसूस होना।
– ऐसी स्थिति में पैर का वो हिस्सा जहां खून का दौरा रूक चुका होता है वो हिस्सा ठंडा पड़ जाता है।
- पैर के किसी हिस्से की त्वचा का चमकदार,चिकना व शुष्क होगा।
-अंगूठे या पैर के घावों, संक्रमण या फोड़ों का ठीक न होना या फिर बहुत धीमी गति से सुधार होना ।
लेग अटैक से बचने के उपाय-
-लेग अटैक की सबसे बड़ी वजह डायबिटीज है। इससे बचने के लिए Diabetes को कंट्रोल में रखें। समय-समय पर अपनी शुगर को मॉनिटर करते रहें।
-धूम्रपान करने से बचें,स्मोकिंग लेग अटैक की मुख्य वजह है।
- अपने वजन को कंट्रोल रखें।
-कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी की समस्या को कंट्रोल रखें।
-खानपान का ध्यान रखें। हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लें, जंक फूड से दूरी बनाएं।
-फिजिकली एक्टिव बने रहें।