गर्मियों में बनाये तुलसी आइस टी को घर पर कैसे बना सकते हैं जानें
गर्मियों में आप तुलसी से आइस टी बना सकते हैं. ये आपको तरोताजा रखने का काम करेगी. तुलसी आइस टी को घर पर कैसे बना सकते हैं आइए जानें.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ये तो हम सभी जानते हैं कि तुलसी स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है. तुलसी में कई सारे पोषक तत्व होते हैं. तुलसी विटामिन सी और जिंक जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है. ये प्राकृतिक रूप से इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करती है. तुलसी में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होता है. ये फैट सेल्स को खत्म करते हैं. इससे वजन कम करने में मदद मिलती है. तुलसी में एंटीबैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण होते हैं जो हमें संक्रमण से बचाते हैं. तुलसी का इस्तेमाल आप कई तरह से कर सकते हैं जैसे त्वचा और स्वास्थ्य के लिए आदि. गर्मियों में आप तुलसी से आइस टी भी बना सकते हैं. ये आपको तरोताजा रखने का काम करेगी. इसके अलावा ये आपको स्वस्थ रखने में भी मदद करेगी. तुलसी आइस टी को घर पर कैसे तैयार कर सकते हैं आइए जानें.
सामग्री
इस बनाने के लिए सामग्री
तुलसी की चाय के 2-3 टी बैग्स
बर्फ के टुकड़े
आवश्यकता अनुसार पानी
1/2 छोटा चम्मच नींबू का रस
2 बड़े चम्मच शहद या स्वीटनर का विकल्प
कैसे तैयार तुलसी आइस टी
स्टेप 1
सबसे पहले एक पैन में 2 कप पानी डालकर उबाल लें.
स्टेप 2
तुलसी के टी बैग्स को पैन में 4-5 मिनट के लिए डालें.
स्टेप 3
मिश्रण को कुछ देर ठंडा होने दें.
स्टेप 4
एक ब्लेंडर में, तुलसी की चाय का काढ़ा, कुछ बर्फ के टुकड़े, नींबू का रस और अपनी पसंद का स्वीटनर मिलाएं. आप शहद और चीनी के बीच चयन कर सकते हैं या इसे बिना चीनी के इस्तेमाल के भी ले सकते हैं.
स्टेप 5
ब्लेंड करें और ठंडा परोसें
गर्मियों में आप बहुत से ठंडे ड्रिंक्स का सेवन करते हैं. इसके अलावा आप तुलसी आइस टी का भी सेवन कर सकते हैं. ये स्वादिष्ट होने के साथ कई बीमारियों को भी आपसे दूर रखने में मदद करती है. तुलसी के सेवन से सर्दी, खांसी, जुखाम, ब्लड प्रेशर, शुगर, जोड़ो का दर्द, मोटापा, सिर दर्द, खुजली,नकसीर,अल्सर, फेफड़ों की सूजन, एलर्जी, हेपेटाइटिस, गठिया, मलेरिया, आंखो में दर्द, पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए, मुंह में छालों के लिए गर्भवती महिलाओं में उल्टी की परेशानी के लिए, त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याओं के लिए कील, मुहांसे, दाग-धब्बे, झाइयों, बाल झड़ने, होना, दांतो से जुड़ी समस्याओं के लिए जैसे दांत का दर्द, मसूड़ों में खून और दांत में कीड़ा लगना के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इसकी अधिक सेवन नुकसानदायक भी होता है. इसलिए इसका सेवन नियमित मात्रा में ही करें.