जानें बच्चों की सेहत को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं नेल पेंट

अक्सर आपने घर के छोटे बच्चों को शीशे के आगे खड़े होकर तैयार होते तो कभी होंठों पर लिपस्टिक या फिर हाथों और पैरों के नाखूनों पर नेल पॉलिश लगाते देखा होगा।

Update: 2021-09-24 06:51 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अक्सर आपने घर के छोटे बच्चों को शीशे के आगे खड़े होकर तैयार होते तो कभी होंठों पर लिपस्टिक या फिर हाथों और पैरों के नाखूनों पर नेल पॉलिश लगाते देखा होगा। बच्चों का ऐसा करना घर के बड़ों के लिए मनोरंजन का विषय हो सकता है। पर क्या आप जानते हैं खेल-खेल में किया गया ये काम उनकी सेहत पर भी भारी पड़ सकता है। आइए जानते हैं छोटे बच्चों को नेल पॉलिश लगाना उनकी सेहत के लिए कितना सुरक्षित है और ऐसा करते समय आपको किन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है।

क्या नेल पॉलिश लगाना सुरक्षित है?

कई नेल पॉलिश को बनाते समय उसमें हानिकारक केमिकल का उपयोग किया जाता है। जिसका बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। दरअसल, छोटे बच्चों को मुंह में हाथ डालने व नाखून चबाने की आदत होती है। ऐसे में नेल पेंट में मौजूद केमिकल बच्चे के मुंह के जरिए पेट तक पहुंच सकता है, जो बाद में कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को जन्म दे सकता है। ऐसे में बच्चों के लिए नेल पॉलिश का चुनाव करते समय हमेशा केमिकल व टॉक्सिन फ्री नेलपेंट ही चुनें।

बच्चों की सेहत को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं नेल पेंट-

नेल पॉलिश में मौजूद कई तरह के हानिकारक केमिकल बच्चों के शरीर में प्रवेश करके उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे-

1-टॉल्यूइन -

नेल पॉलिश को जल्दी सुखाने के लिए इस केमिकल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार, यह न्यूरोलॉजिकल यानी दिमाग संबंधी परेशानियों का कारण बन सकता है।

2-फॉर्मलडिहाइड –

इस केमिकल के संपर्क में रहने से मायलोइड ल्यूकेमिया यानी बोन मैरो, रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स का असामान्य विकास करने वाला कैंसर होने का खतरा अधिक हो सकता है।

3-हाइड्रोक्विनोन –

शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि यह केमिकल आंख के संपर्क में आने से कॉर्निया डैमेज कर सकता है। यही नहीं, इसे सुंघने से भी नाक, गले और ऊपरी श्वसन पथ में जलन की शिकायत हो सकती है ।

4-एक्रेलेट्स –

नेल पॉलिश को तैयार करने के लिए एक्रेलेट्स केमिकल का इस्तेमाल भी किया जाता है। सांस के जरिए व त्वचा के संपर्क में आने से इसके दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं। मिथाइल मेथाक्रिलेट के संपर्क में रहने वालों को आंतों, पेट या मलाशय में होने वाला कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम अधिक रहता है।

5-कार्बन ब्लैक –

यह काले रंग का पाउडर होता है। इसका भी नेल पेंट को तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके संपर्क में आने से फेफड़ों से जुड़ी परेशानी होने का खतरा बढ़ सकता है।

नेल पेंट करते समय रखें इन बातों का ध्यान-

-नेल पॉलिश हमेशा हवादार कमरे में लगाएं। इससे नेल पेंट की सुगंध ज्यादा देर तक हवा में नहीं रहती है। दरअसल, नेल पॉलिश की सुगंध तेज होती है, जो बच्चों को नुकसान पहुंचा सकती है।

-माना कि बाजार में केमिकल फ्री नेल पेंट उपलब्ध है, लेकिन नॉन-टॉक्सिक नेल पॉलिश भी बच्चों को बार-बार लगाने से बचें। यह बच्चों के नाखुन नाजुक करने के साथ ही अन्य नुकसान पहुंचा सकता है।

-बच्चों को ट्रांसपेरेंट या फिर लाइट कलर की नेल पॉलिश लगाएं। डार्क कलर के नेल पेंट लगाने से बच्चों का ध्यान बार-बार नाखूनों पर जाता है और वो अपने हाथ को मुंह में डालने लगते हैं।

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