एक्सपर्ट से जानें स्ट्रेस को मैनेज करने के आसान तरीके
मैनेज करने के आसान तरीके
जब तनाव होता है, तब शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से खतरे से बचने के लिए शरीर में अचानक से एनर्जी बदल जाती है। इसे अंग्रेजी में 'फाइट और रन' के रूप में जाना जाता है। इस दौरान शरीर में एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल हार्मोन रिलीज होते हैं। ये हार्मोन दिल की धड़कन को तेज कर देते हैं। बल्ड प्रेशर बढ़ने लगका है। डाइजेशन सिस्टम में बदलवा आता है और ब्लड फ्लो में ग्लूकोज का लेवल बढ़ता है। कुछ समय बाद, शरीर अपने आप नॉर्मल होने लगता है।
इस स्थिती में मांसपेशियां भी तनावग्रस्त हो जाती हैं। इससे मांसपेशियों में तनाव, सिरदर्द, माइग्रेन की समस्या हो सकती हैं। तनाव के कारण आपको सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और तेजी से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, हाइपरवेंटिलेशन हो सकता है। तीव्र तनाव की वजह से हृदय गति में वृद्धि होती है और रक्त को बड़ी मांसपेशियों तक निर्देशित करता है। इससे विभिन्न भागों में पंप किए गए रक्त की मात्रा बढ़ जाती है। आज इस आर्टिकल में डॉक्टर अभिनित कुमार स्ट्रेस को मैनेज करने के तरीके बताएंगे।
एंग्जाइटी के प्रकार
एंग्जाइटी के भी प्रकार होते हैं। एंग्जाइटी में सांस लेने में परेशानी होती है। धड़कन तेज, सोने में कठिनाई, चक्कर आना, जी मिचलाना और हाथ पेरो में घबराहट महसूस होने लगती है। प्रत्येक 75 में से लगभग 1 व्यक्ति को कभी न कभी घबराहट की समस्या होती है।
यह एक अचानक डर है, जो बिना किसी स्पष्ट कारण और बिना किसी चेतावनी के महसूस होने लगता है। इन्हें ''पैनिक डिसऑर्डर'' की पहचान माना जाता है। यह अनुभव करने वाले व्यक्ति के लिए काफी भयानक हो सकते हैं।
तनाव
यह कहना गलत नहीं होगा कि तनाव अब लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका है। आप तनाव से छुटकारा पा नहीं सकते, लेकिन आप इस समस्या को कम करने के तरीके जरूर ढूंढ सकते हैं।
ऐसे वक्त में कौन मदद कर सकता है?
तनाव की स्थिती में आपको जनरल फिजिशियन से सलाह लेनी चाहिए। जनरल फिजिशियन आपकी स्थिति का विश्लेषण करने के बाद आपका इलाज करते हैं। इसके अलावा, वह आपको मनोचिकित्सक के पास जाने की राय देती हैं। मनोचिकित्सक के पास जाने में शर्म महसूस न करें। एक मनोचिकित्सक को इस गंभीर समस्या के बारे में पता होता है, जिसके लिए उन्होंने पढ़ाई की होती है। वह आपको इस परेशानी से बाहर निकालने में मदद करते हैं।
तनाव को कम करने के लिए क्या खाएं?
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि कुछ खाद्य पदार्थ हमें शांत या उत्साहित कर सकते हैं। अगर आपको चिंता और घबराहट हो रही है, तो इस स्थिती में ट्राइप्टॉफन से भरपूर केले, दूध, दही, सेसमे के बीज, सोया, हाई प्रोटीन, साबुत गेहूं, ब्राउन राइस, होल कार्बोहाइड्रेट,विटामिन बी से भरपूर पदार्थ, खट्टे फ्रूट, साग और फलियों का सेवन करें। (तनाव को कम करने के टिप्स)
लाइफस्टाइल में लाएं बदलाव
जो लोग घबराहट और चिंता से ग्रस्त होते हैं, उन्हें इस बात का डर रहता है कि अगले पल में क्या होगा? तनाव कम करने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम करें। अरोमाथेरेपी का सहारा लें। आराम करें और बॉडी मसाज लें। (तनाव को कम करने के लिए योग)
अपने काम करने का तरीका बदलें
काम को सही ढंग से करें। भले ही इसमें थोड़ा अतिरिक्त समय लगे, यह बेहतर है। समय सीमा निर्धारित करें। ऐसे लक्ष्य न बनाएं, जिन्हें पूरा न किया जा सके। कमिटमेंट करने से बचें। अपने आप को काम व्यवस्थित करें। काम को ऑफिस में ही छोड़ दें। जितना संभव हो सके "काम को घर ले जाने" से बचें। यदि आपको बहुत अधिक काम दिया जा रहा है, तो इस बारे में बात जरूर करें।
पैनिक अटैक में क्या करें?
पैनिक अटैक आने पर ज्यादा मूवमेंट नहीं करनी चाहिए। पैनिक अटैक की स्थिती में अपने आस पास के किसी व्यक्ति से मदद मांगें। गहरी लंबी सांसे लें। अपने पर ध्यान केंद्रित करें। घबराहट पर ध्यान न दें। किसी अच्छी चीज पर ध्यान देने की कोशिश करें। अपने आप को शांति या आराम महसूस कराएं।
टाइम मैनेज कैसे करें?
आपको अपने टाइम को मैनेज करना आना चाहिए। इसके लिए एक साधारण टाइमर खरीदें और इसे 10 मिनट पर सेट करें। आप चाहें, तो अपने स्मार्टफोन पर टाइमर का उपयोग कर सकती हैं। जब आप काम पर जाते हैं, तो तुरंत काम शुरू करने या अपने ईमेल का जवाब देने के बजाय, उन सभी महत्वपूर्ण चीजों की सूची बनाने के लिए 10 मिनट का समय लें जो आपको उस दिन करने की आवश्यकता है।अपने काम को प्राथमिकता देने से आप अपने समय का बेहतर प्रबंधन कर पाएंगे।