गर्मियों में पानी की कमी से हो सकती हैं गैस्ट्रोइंटाइटिस की समस्या, इन टिप्स को फॉलो करके पाए निजात
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Stomach Infection: मौसम का मिजाज लगातार सख्त बना हुआ है। आसमान से बरसते अंगारों और हीट वेव्स के कारण लोग बेहाल हैं। सुबह से ही सूरज की तपिश लोगों को झुलसाने लगती है। गर्म हवा के थपेड़ों ने तो घर से बाहर निकलना दूभर कर रखा है। गर्मी की वजह से लोग हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, डायरिया जैसी कई समस्याओं ने लोगों को परेशान कर रखा है। इन बीमारियों के साथ ही इस मौसम में पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं भी बहुत ज्यादा देखने को मिलती हैं। गैस्ट्रोइंटाइटिस (आंत और पेट में जलन) भी एक ऐसी ही प्रॉब्लम है, जिसमें व्यक्ति का शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है और फिर शुरू होती हैं कई तरह की दिक्कतें।
क्या है वजह
इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया बहुत ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। मक्खियों की वजह से बीमारी के जीवाणु तेजी से लोगों की आंतों तक पहुंच जाते हैं, जिससे स्टमक इंफेक्शन हो जाता है। ज्यादा पसीना निकलने की वजह से पूरे शरीर में पानी की मात्रा घटने लगती है, जिससे आंतें भी प्रभावित होती हैं।
स्टमक इंफेक्शन के लक्षण
- पेट में ऐंठन के साथ तेज दर्द
- लूज मोशन
- वॉमिटिंग
- कमजोरी
- गला सूखना
- चक्कर आना
- हाथ-पैरों में कंपन आदि
स्टमक इंफेक्श से बचाव एवं उपचार
- स्ट्रीट फूड से दूर रहें।
- साफ पानी पीएं।
- कुकिंग के दौरान सफाई का विशेष ध्यान रखें। खाने के पहले बच्चों को हाथ धोना सिखाएं।
- बाहर जाते समय अपने बैग में हैंड सैनिटाइजर जरूर रखें।
- मरीज को ओआरएस या नमक-चीनी का घोल, नींबू की शिकंजी जैसे तरल पदार्थ देते रहें।
- गर्मियों और स्टमक इंफेक्शन दोनों से राहत दिलाने में दही, केला और छाछ जैसी चीज़ें भी फायदेमंद होती हैं।
- मरीज़ को नज़दीकी हॉस्पिटल में ले जाएं, जिससे दवा या इंजेक्शन के जरिए समस्या को नियंत्रित किया जा सके।
- अगर शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है तो इंट्रावेनस सिस्टम के जरिए उसे इलेक्ट्रोलाइट देने की जरूरत पड़ सकती है।