जानिए, दस्त और कब्ज के बीमार में रोगियों को केले खाने की सलाह क्यों देते हैं डॉक्टर्स
कुछ लोग दादी-नानी के नुस्खे को अपनाते हैं और दस्त को कम करने के लिए केले खाने की सलाह देते हैं। अगर आपको इसके फायदे के बारे में नहीं पता है, तो आइए जानते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दस्त एक सामान्य बीमारी है। इस बीमारी में मरीज को बार-बार मल त्याग करना पड़ता है। इसके कई कारण हैं। इनमें बदलता मौसम, बासी और दूषित भोजन करना है। साथ ही अधिक तनाव लेने की वजह से भी पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। एक बार दस्त लगने के बाद ठीक होने में दो से तीन लगते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यह एक संक्रामक रोग है। दस्त की समस्मा तब होती है, जब आंत वायरस से संक्रमित होता है।
इस दौरान बड़ी आंत पानी को अवशोषित करने में विफल हो जाती है। इस वजह से पानी मल त्याग के जरिए बाहर निकल जाता है। इस बीमारी में मरीज को पेट में ऐंठन, चक्कर आना और बुखार आ सकता है। इसके लिए बाजार में कई दवा उपलब्ध हैं, जिनसे दस्त में बहुत जल्द आराम मिलता है। दूसरी ओर, कुछ लोग दादी-नानी के नुस्खे को अपनाते हैं और दस्त को कम करने के लिए केले खाने की सलाह देते हैं। अगर आपको इसके फायदे के बारे में नहीं पता है, तो आइए जानते हैं कि दस्त में पके केले का सेवन करना कितना फायदेमंद होता है-
दस्त एक सामान्य बीमारी है। इस बीमारी में मरीज को बार-बार मल त्याग करना पड़ता है। इसके कई कारण हैं। इनमें बदलता मौसम, बासी और दूषित भोजन करना है। साथ ही अधिक तनाव लेने की वजह से भी पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। एक बार दस्त लगने के बाद ठीक होने में दो से तीन लगते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यह एक संक्रामक रोग है। दस्त की समस्मा तब होती है, जब आंत वायरस से संक्रमित होता है।
इस दौरान बड़ी आंत पानी को अवशोषित करने में विफल हो जाती है। इस वजह से पानी मल त्याग के जरिए बाहर निकल जाता है। इस बीमारी में मरीज को पेट में ऐंठन, चक्कर आना और बुखार आ सकता है। इसके लिए बाजार में कई दवा उपलब्ध हैं, जिनसे दस्त में बहुत जल्द आराम मिलता है। दूसरी ओर, कुछ लोग दादी-नानी के नुस्खे को अपनाते हैं और दस्त को कम करने के लिए केले खाने की सलाह देते हैं। अगर आपको इसके फायदे के बारे में नहीं पता है, तो आइए जानते हैं कि दस्त में पके केले का सेवन करना कितना फायदेमंद होता है-
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।