जानिए डेंगू के आयुर्वेदिक इलाज के लिए किस तरह की चीजें खानी चाहिए

बरसात के दिनों में मच्छरों का आतंक हर साल बढ़ जाता है। ऐसे में ज़रूरी सावधानी लेना ज़रूरी हो जाता है।

Update: 2022-08-02 10:14 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  बरसात के दिनों में मच्छरों का आतंक हर साल बढ़ जाता है। ऐसे में ज़रूरी सावधानी लेना ज़रूरी हो जाता है। जिसमें पूरी बाज़ू के कपड़े, हाइजीन बनाए रखना, मच्छरों को पनपने न देना और हेल्दी डाइट शामिल है।

डेंगू के आम लक्षणों में तेज़ बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द होना, शरीर में भयानक दर्द, पीठ में दर्द, मतली शामिल है। अगर आप इनमें से किसी भी तरह के लक्षणों को महसूस करते हैं, तो आपको फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इस बीमारी में प्लेटलेट काउंट भी कम होने लगता है, इसलिए पानी खूब पीना चाहिए और ऐसा खाना खाना चाहिए जिसे पचाना आसान हो।
डेंगू का आयुर्वेदिक इलाज
अगर आपको डेंगू हो जाता है तो दवाइओं के साथ आपको इन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
आराम: बीमारी चाहे कोई भी हो आराम करना बेहद ज़रूरी होता है। आपके आराम करने से शरीर खुद को रिकवर कर पाएगा। डेंगू में मरीज़ की इम्यूनिटी कम हो जाती है और इसलिए ज़रूरी है कि जितना हो सके उतना आराम किया जाए।
पानी: दिनभर में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं। फलों का जूस जिसमें चीनी न हो वह अच्छा विकल्प होगा।
किस तरह की चीज़ें खानी चाहिए?
आंवला, कीवी, संतरे और अनानास जैसे सिटरस फलों का सेवन ज़रूरी है। अनार और पपीता भी ज़रूर खाना चाहिए। आप सब्जियों का सूप भी पी सकते हैं। घर का बना हल्का खाना खाएं, जैसे खिचड़ी और मूंग दाल का सूप। छाछ भी पी सकते हैं इससे शरीर को हाइड्रेशन मिलेगा और पाचन में भी मदद मिलेगी।
गेंहू की रोटी की जगह जवार की रोटियां खाएं क्योंकि यह पचाने में आसान होती हैं। डेंगू के इलाज के दौरान जंक फूड और मीठी चीजें बिल्कुल न खाएं, क्योंकि इससे आपकी रिकवरी में देर हो सकती है।
डेंगू के आयुर्वेदिक उपाय
पपीते के पत्तों का जूस दिन में दो से तीन बार ज़रूर पिएं। इससे प्लेटलेट्स तेज़ी से बढ़ती हैं। अगर आपको इसका स्वाद कड़वा लगता है, तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
इसके अलावा गिलॉय, आंवला और वीटग्रास का जूस भी पिया जा सकता है। ये तीनों जूस प्लेटलेट्स बढ़ाने के साथ इम्यूनिटी भी बढ़ाते हैं।
डेंगू से रिकवर होने के बाद किन बातों का ख्याल रखना चाहिए
आप चाहे डेंगू बुखार से रिकवर हो जाएं। फिर भी छाछ, नारियल का पानी, नींबू का पानी, सौंफ का पानी, ताज़ा फलों का रस (बिना चीनी के), और ज़ाहिर है सादा पानी लेना नहीं छोड़ना चाहिए।
धूप में बैठें या एक्सरसाइज़ करें, ताकि विटामिन-डी मिले।
संतुलित खाना खाएं और हेल्दी डाइट लें। सफेद चीनी और प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें।
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