जानें क्या है डीटॉक्स वॉटर

Update: 2023-06-28 15:28 GMT
यह शब्द पिछले कुछ दिनों से सेहत और फ़िटनेस जगत में चर्चा में है. पानी अपने आप में एक जादुई तत्व है, जिसके अनगिनत लाभ हैं. डीटॉक्स वॉटर, इससे भी बेहतर है, क्योंकि आप इसे घर पर बेहद आसानी से बना सकती हैं. हम बता रहे हैं आपको इस स्वादिष्ट हेल्थ ड्रिंक के गुण और इसे बनाने का तरीक़ा.
कैसे बनाएं
रसभरे फलों (उदाहरण-कटे हुए सेब और तरबूज़, बिना छिला संतरा, नींबू, खीरा, बेरीज़, इत्यादि) के टुकड़े साफ़-सुथरे पानी में डालकर, इसे कई घंटों तक के लिए फ्रिज में रखकर आप डीटॉक्स वॉटर तैयार कर सकती हैं.सबसे पहले कांच की बर्नी या चौड़े मुंहवाले किसी बोतल में पानी भर लें और फिर उसमें एक-एक कर फल डालें. यदि आप साबूत बेरीज़ उसमें डाल रही हैं तो पानी में डालने से पहले उन्हें चम्मच से हल्का-सा दबा दें. फलों से निकले जूस और कुछ फ़ाइबर्स पानी में घुल जाते हैं और पानी को ज़्यादा न्यूट्रिशन और ज़ायका देते हैं. अच्छी ख़ुशबू के लिए आप उसमें पुदीना के पत्ते भी डाल सकती हैं. अपनी पसंद के अनुसार फलों का इस्तेमाल करें, लेकिन मौसमी फलों का प्रयोग करना ज़्यादा बेहतर होगा, क्योंकि उनमें सबसे ज़्यादा न्यूट्रिशन होता है. एक बार पानी में पोषक तत्व घुल जाएं तो इसे दो से तीन दिन के भीतर पी डालें.
सेहत से जुड़े फ़ायदे
हम सभी को दिन में कम से कम २-३ लीटर पानी पीना चाहिए, ताकि हमें सही हाइड्रेशन मिल सके और हम शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकाल सकें. लेकिन हममें से ज़्यादातर लोग ऐसा नियमित रूप से नहीं करते, संभव है कि उन्हें बिना प्यास के पानी पीना काफ़ी उबाऊ लगता हो और एसी में रहने से हमारी प्यास और भी बुझ जाती है. वहीं दूसरी ओर फलोंवाला डीटॉक्स वॉटर कुछ ऐसा है, जिसे पीने का आपको इंतज़ार रहेगा. जब आप ऊर्जा की कमी महसूस करें तो पैकेज्ड फ्रूट जूस या कॉफ़ी की जगह यह एक अच्छा विकल्प होगा. फलों के सत्व वाला पानी पीना, फल खाने जैसा तो नहीं है, लेकिन सेहत से जुड़े इसके अपने कुछ फ़ायदें हैं. डीटॉक्स वॉटर को कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है. साइट्रस फलों से इऩफ्यूज़्ड पानी आपकी पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त करता है, सूजन और अपचन को कम करता है.
बेदाग़ त्वचा पाने के लिए डीटॉक्स वॉटर में फलों का मिश्रण डालें, क्योंकि हर फल में त्वचा की ख़ूबसूरती बढ़ानेवाले तत्व होते हैं.
बहुत ज़्यादा न करें
डीटॉक्स वॉटर बहुत मज़ेदार है, लेकिन जैसा बाक़ी चीज़ों के साथ होता है, वैसे ही इसे भी बहुत ज़्यादा पीना अच्छी बात नहीं है. सलाह के मुताबिक़, एक दिन में 2-3 लीटर से ज़्यादा पीने से यह आपके शरीर पर दबाव डाल सकता है, जहां अत्यधिक पानी पीने से किडनी कुछ ज़्यादा ही व्यस्त हो सकती है. और शरीर का सोडियम स्तर संतुलन खो देता है, नतीजन कमजोरी और मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होती है. जब किडनी बहुत ज़्यादा काम करती है तो शरीर में वॉटर रिटेंशन या अन्य मेडिकल समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
फलों को न भूलें
डीटॉक्स वॉटर को दिनभर में आवश्यक फलों के सेवन का शॉर्ट-कट न मान लें, क्योंकि यह कभी फलों के सेवन की जगह नहीं ले सकता. फ्रूट इऩ्फ्यूज़्ड पानी में स्वाद और सेहतमंद गुण दोनों ही होते हैं, लेकिन यह किसी भी तरह से साबुत फलों के बदले नहीं लिया जा सकता. साबुत फलों के फ़ाइबर्स को डीटॉक्स वॉटर से बदलना संभव नहीं है.
डीटॉक्स वॉटर रेसिपीज़
* 1 चीरा लगा/चार टुकड़ों में कटा, बिना छिला संतरा (विटामिन सी से समृद्ध, विटामिन ए और बी१ भी होते हैं और आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फ़ॉस्फ़ोरस जैसे तत्व भी) प्रति 0.5 लीटर बॉटल पानी में.
* 1 चीरा लगा और बिना छिला खीरा (फ़ाइबर, विटामिन के, कॉपर, पोटैशियम, फ़ॉस्फ़ोरस, मैग्नीशियम और सिलिका समृद्ध) प्रति 0.5 लीटर बॉटल पानी में.
* 1/2 कप कटी हुई स्ट्रॉबेरीज़ और हल्की-सी क्रश्ड ब्लूबेरीज़ (कैंसर से लड़नेवाले ऐंटी ऑक्सिडेंट्स, विटामिन्स, न्यूट्रिशन्स से समृद्ध) प्रति 0.5 लीटर बॉटल पानी में.
Tags:    

Similar News

-->