जानिए यह 5 लक्षण जो आपको दिल की बीमारी के प्रति करते है संकेत देने का काम
आमतौर पर हार्ट अटैक के सबसे ज़्यादा मामले 45 की उम्र के बाद ही देखने को मिलते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हार्ट शरीर का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण अंग है. कुछ सेकेंड्स के लिए भी हार्ट काम करना बंद कर दे, तो व्यक्ति के पूरी तरह मरने या कोमा में जाने तक की नौबत आ सकती है. इसलिए अपने हार्ट की सेहत पर नज़र रखना बेहद ज़रूरी है. आमतौर पर हार्ट अटैक के सबसे ज़्यादा मामले 45 की उम्र के बाद ही देखने को मिलते हैं, मगर इसके संकेत आपको 30 की उम्र के बाद ही मिलने शुरू हो जाते हैं. ऐसे में शरीर में दिखने वाले छोटे-मोटे लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने के बजाय उनपर ध्यान देना आपको हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी से बचा सकता है. तो आइये जानते हैं वो 5 लक्षण जो दिल की बीमारी के प्रति आपको सतर्क करने में रेड अलर्ट का काम करते हैं.
सीने में दर्द
हार्ट में समस्या का मुख्य संकेत तो सीने में दर्द ही है, लेकिन ये संकेत अक्सर बहुत बाद की स्टेज में दिखता है. हालांकि आजकल 25-30 की उम्र में भी युवा हार्ट अटैक का शिकार बन रहे हैं. हर साल, 30 साल से कम उम्र के हजारों लोगों की मौत कार्डियोवस्कुलर बीमारियों से होती है. इसलिए सीने में दर्द को कुछ और समझकर नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. सीने में दर्द के साथ अगर पसीना आए, तो आपको जल्द से जल्द अपने नजदीकी हार्ट हॉस्पिटल पहुंचना चाहिए. ध्यान दें कि कई बार सीने में जलन (हार्ट बर्न जो कि एसिडिटी के कारण होता है) को लोग सीने में दर्द समझ लेते हैं, इसलिए जलन और दर्द के अंतर को समझकर और हड़बड़ी न दिखाकर ही फैसला करें.
सीढ़ियां चढ़ते समय हांफने लगना
जवानी के दिनों में आपके शरीर में ऊर्जा, स्टैमिना और जोश तीनों प्राकृतिक रूप से बहुत ज़्यादा होते हैं. लेकिन अगर आपको हल्का या भारी काम करने से जल्दी थकावट महसूस हो रही है और साथ ही, सांस फूलने की समस्या भी है तो ये किसी खतरे का संकेत भी हो सकता है. आमतौर पर 30-40 की उम्र में 20-25 सीढ़ियां तेज़ गति से चढ़ना कोई मुश्किल काम नहीं है. लेकिन अगर आप सीढ़ियां चढ़ते हुए बहुत थक जाते हैं, सांस उखड़ने लगती है, आपको रुकना पड़ जाता है, तो ये हार्ट की समस्या के पूर्व संकेत हो सकते हैं.
खर्राटे
नींद में खर्राटे भरने के कई कारण हो सकते हैं मगर आमतौर पर ये समस्या यंग एज में नहीं शुरू होती है. अगर किसी व्यक्ति को 30-35 की उम्र में ही खर्राटों की समस्या शुरू हो गई है, तो ये श्वांस संबंधी किसी समस्या का संकेत हो सकता है. इसके अलावा, इसका एक मतलब ये भी हो सकता है कि आपका हार्ट ठीक से काम नहीं कर पा रहा है. इसलिए खर्राटों की समस्या और सांस की तकलीफ है तो आपको हार्ट के डॉक्टर से मिलकर इसका कारण जानना चाहिए.
जबड़ों का दर्द
इस लक्षण को लोग इसलिए नज़रअंदाज़ कर देते हैं क्योंकि वो जबड़ों के दर्द को दांतों का दर्द समझ लेते हैं और फिर दांत के दर्द की दवा लेकर दर्द को दबा देते हैं. 1-2 बार तो ऐसा करना ठीक है, क्योंकि संभव है कि दर्द आपके दांत की ही किसी समस्या के कारण हो. मगर बार-बार ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि दांत या जबड़ों में बार-बार दर्द का संकेत हार्ट की परेशानी हो सकती है. इसलिए जबड़ों में दर्द हो तो दांत के डॉक्टर से तो मिलें ही, साथ ही हार्ट के डॉक्टर से मिलकर कुछ जांच आदि कराएं.
शरीर के एक हिस्से में झुनझुनाहट
हार्ट की समस्या का एक बड़ा कारण कोलेस्ट्रॉल भी है. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से शरीर में रक्त प्रवाह बाधित होता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. कोलेस्ट्रॉल अगर बहुत बढ़ गया है, तो इसके पूर्व संकेत के रूप में शरीर में झुनझुनाहट की समस्या हो सकती है. अगर आपको कुछ दिनों तक लगातार ऐसा महसूस हो कि आपके शरीर के कुछ हिस्सों में लगातार झुनझुनाहट हो रही है या शरीर के एक तरफ का हिस्सा ठीक से काम नहीं कर पा रहा है, तो ये भी हार्ट की समस्या का पूर्व संकेत हो सकते है. इसलिए इस पर भी ध्यान देना ज़रूरी है.
आमतौर पर 30-40 की उम्र में बिना दवाओं के ही लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके हार्ट की समस्याओं को ठीक किया जा सकता है बस ज़रुरत है तो इन लक्षणों के प्रति आपकी जागरूकता की.