गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि
तो आज हम देखते हैं इसका काढ़ा कैसे बनाना है। यह जो गिलोय है इसकी 9 से 10 इंच लंबी डंडी लेंगे। उसकी पतली छाल उतारेंगे। इसके बाद छोटे-छोटे टुकड़े बनाएंगे। फिर इसे धो लेंगे और खरल में डालकर बारीक कर ले।
काढ़ा में पानी की मात्रा
आपको रात में पानी में भिगोना है इसे। आपने 4 कप पानी में रात भर भिगोकर रखा फिर से उबालने के लिए रखें। आयुर्वेद में जो काढ़ा बनाने के लिए कहा है एक चतुर्थअंश या अष्टम अंश यानी अगर यह 4 कप पानी है तो उबल कर एक कप रह जाए। अगर एक अष्टमअंश यानी 4 कप पानी है तो आधा कप बचाना चाहिए।
गिलोय का सत्व बनाने की विधि
जब तक यह काढ़ा बन रहा है। तब तक गिलोय का सत्व कैसे बनाना है यह भी हम जान लेते हैं। जैसे हमने अभी छोटे गिलोय के छोटे टुकड़े किए हैं। ऐसे ही कूट लिया खरल में। ऐसे ही आपको कूटना है। उसमें अगर 1 किलो गिलोय हैं तो 4 लीटर पानी लगेगा। जो पूरा पेस्ट बनाया है उसका। उसको पानी में अच्छी तरह से मिला देना है।
उसको थोड़ी देर रखकर अच्छी तरह निचोड़ कर फिर उसे छानना है जो भी पानी बचेगा। उसको आपको प्लेट में रख कर थोड़ा धूप में उसको सूखना है। पांच या छ घंटे उसे धूप में रख सकते है।
वो जो प्लेट है उसको आप ढक कर भी रखिए उसके बाद उसका ऊपर का जो पानी है उसे हम निकाल लेंगे। उसके नीचे आपको दिखेगा पूरा सफेद पाउडर जैसा नीचे जम जाता है। इसको भी फिर से सुखना पड़ता है। जो बाद में बचेगा वह रहेगा गिलोय का सत्व। इसको भी फिर अच्छी तरह से खरल करके इसका एकदम बारीक चूर्ण जो है हमने भर कर रखना है। जो गिलोय का जो सत्व है सफेद रंग का होता है यह भी बहुत गुणकारी रहता है।