मेरुदंडासन बेहद सरल लेकिन फायदेमंद आसन है। मेरुदंड मतलब रीढ़ की हड्डी के लिए ये बहुत ही अच्छा योग है। इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है, साथ ही इससे हिप्स और हैमस्ट्रिंग की भी अच्छी स्ट्रेचिंग होती है। मेरुदंडासन योग मन को शांत और तनाव को दूर करता हैं। आइए जानते हैं इस योग को करने का तरीका और उससे होने वाले फायदे व सावधानियों के बारे में।
पीठ दर्द दूर करने के लिए
मेरुदंडासन से लोअर बैक मजबूत होता है और हिप्स भी स्ट्रॉन्ग होती है। इस आसन के लगातार अभ्यास से पीठ दर्द की परेशानी दूर होती है। सीटिंग जॉब वालों को तो ये एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए।
रीढ़ की हड्डी होती है मजबूत
मेरूदंड यानी रीढ़ की हड्डी, तो इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। इतना ही नहीं अगर आपकी पीठ बिल्कुल अकड़ी रहती है, तो इस आसन को करने से उसमें लचीलापन भी आता है।
पेट के लिए
मेरुदंडासन पेट को टोन करने के लिए भी एक अच्छी एक्सरसाइज है। इससे पेट की मसल्स स्ट्रॉन्ग होती है। यह आंतों के को एक्टिव करता है। साथ ही कब्ज, एसिड रिफ्लेक्स, और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं दूर करता है।
पैरों के लिए
यह योग कूल्हों और हैमस्ट्रिंग को अच्छा स्ट्रेच देता है। मेरुदंडासन योग पैर, पिंडली और ग्लूट्स को फैलाता है। यह कूल्हों को खोलने में भी मदद करता है।
मेरुदंडासन करने का तरीका
- मेरुदंडासन योग करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा कर उस पर दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं।
- आप इस आसन को करने के लिए सीधे दंडासन योग की मुद्रा में भी बैठ सकते हैं।
- अपनी रीढ़ की हड्डी को पूरी तरह से सीधा रखें और दोनों हाथों को दोनों पैरों की जांघों पर रखें।
- अब अपने दोनों पैरों को एक-दूसरे से दूर करके फैला लें।
- फिर थोड़ा सा आगे की ओर झुकें और अपने दोनों हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे को पकड़ लें।
- अब अपनी रीढ़ की हड्डी को पूरी तरह से सीधा करें और दोनों पैरों को ऊपर की और उठा लें।
- अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ें हुए अपने दोनों हाथों को फर्श के समान्तर लें आएं।
- गहरी सांस लें और कम से कम 10 से 12 सेकंड तक इस स्थिति में रूकने का प्रयास करें।
बरतें ये सावधानियां
- अगर आपके पीठ के निचले हिस्से में और कलाई में दर्द हैं तो आप इस आसन को ना करें।
- अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं, तो भी इस आसन को ना करें।
- हार्ट पेशेंट्स को यह आसन नहीं करना चाहिए।