जानिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने पहले रखें इन बातों का खास ध्यान

ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर का उपयोग करना अत्यंत हानिकारक हो सकता है।

Update: 2021-05-05 05:43 GMT

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर जारी है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है और कई मरीजों को अस्पताल में बेड भी नहीं मिल रहे। ऐसे में ऑक्सीजन स्तर गिरने की स्थिति में लोग अपने घरों में ही ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर या जनरेटर का इस्तेमाल करने लगे हैं। इन उपकरणों का उपयोग करने के लिए इसकी पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है वरना मरीज की जान पर खतरा बन सकता है। आइए जानते हैं इस उपकरण से जुड़ी अहम जानकारियां।

ऐसे काम करता ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर
वायुमंडल की हवा में लगभग 78% नाइट्रोजन और 21% ऑक्सीजन होती है। हमारे वायुमंडल की हवा से नाइट्रोजन को छानकर ऑक्सीजन को घना करके बढ़ा देने का काम ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर उपकरण करता है। यह उपकरण शरीर के लिए जरूरी ऑक्सीजन की आपूर्ति में ऑक्सीजन टैंक या सिलेंडर की तरह ही काम करते हैं। इसमें भी ऑक्सीजन मास्क या नेसल ट्यूब के जरिए दी जाती है। अंतर यह है कि सिलेंडरों को बार-बार भरवाने की की जरूरत पड़ती है, जबकि ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर चौबीसों घंटे सातों दिन काम कर सकते हैं।
खरीदने से पहले ध्यान दें
इसे खरीदने से पहले ये पता होना चाहिए कि मरीज को कितनी लीटर ऑक्सीजन की जरूरत है। कॉन्सेंट्रेटर की कैपेसिटी आपकी जरूरत से ज्यादा होनी चाहिए. जैसे कि आपको 3.5 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन चाहिए तो आपको 5 लीटर वाला कॉन्सेंट्रेटर खरीदना चाहिए। हमेशा ऐसा कॉन्सेंट्रेटर खरीदना चाहिए जो ऑक्सीजन प्युरिटी इंडिकेटर (ओपीआई) के साथ आता हो। 90 प्रतिशत से ज्यादा प्युरिटी के साथ 5 लीटर वाला कॉन्सेंट्रेटर 3 लोगों के छोटे परिवार के लिए सही विकल्प है। हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि ये एक साथ तीनों के साथ काम आ सकता है।
अगर आपका परिवार बड़ा है तो डबल फ्लो वाला 10 लीटर का जनरेटर ठीक रहेगा। कोशिश करें मेडिकल ग्रेड वाला ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीदने की, इनकी क्षमता काफी अच्छी होती है।
सबसे अहम बात
हल्की क्वालिटी वाले ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर (मान लें पांच लीटर वाला) की सबसे बड़ी खामी ये होती है कि वो एक या दो लीटर प्रतिमिनट तक को ऑक्सीजन की शुद्धता 90 से ऊपर रखते हैं लेकिन अगर आपकी जरूरत 5 लीटर ऑक्सीजन प्रतिमिनट पहुंच गई तो वहां पर उनकी ऑक्सीजन की शुद्धता गिरकर 80 या उससे भी नीचे जा सकती है।
दो तरह के कॉन्सेंट्रेटर
कॉन्सेंट्रेटर दो तरह के होते हैं- स्टेशनरी और पोर्टेबल। दोनों ही तरह के उपकरणों में ऑक्सीजन बनाने के लिए रिफिल कराने की जरूरत नहीं होती। हालांकि, स्टेशनरी कॉन्सेंट्रेटर सीधे बिजली से चलते हैं जबकि पोर्टेबल बैटरी पर भी चल सकता है। पोर्टेबल महंगे होते हैं।
अस्पताल भर्ती होने तक ही करें इस्तेमाल
बेंग्लुरु स्थित सेंट जॉन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के कोविड समन्वय डॉ. चैतन्य एच. बालाकृष्णन ने कहा कि कोविड-19 से पैदा हुए न्यूमोनिया में 94% से कम ऑक्सीजन सेचुरेशन वाले रोगियों को ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर से पूरक ऑक्सीजन दिए जाने से लाभ हो सकता है। मगर तभी तक जब तक कि वे अस्पताल में नहीं भर्ती हो जाते।
डॉक्टरी निगरानी जरूरी
पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष प्रो. संयोगिता नाइक ने कहा कि ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर का उपयोग केवल कोविड-19 के सीमित मामलों में किया जा सकता है। बिना चिकित्सीय मार्गदर्शन के ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर का उपयोग करना अत्यंत हानिकारक हो सकता है।


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