पूजा करने के भी जान लीजिये, पूजा-पाठ के अलावा भी, रखे जाते है व्रत

Update: 2023-08-26 05:05 GMT

फास्टिंग : फास्टिंग इन दिनों लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है। ज्यादातर लोग फास्टिंग को अक्सर धर्म और पूजा-पाठ से जोड़कर देखते हैं। हालांकि फास्टिंग कई अन्य कई वजहों से भी की जाती है। यही वजह है कि लोग इन दिनों अलग-अलग तरह की फास्टिंग करते हैं। आइए जानते हैं फास्टिंग के अलग-अलग प्रकारों के बारे में सिर्फ पूजा-पाठ ही नहीं इन कारणों से भी रखते हैं व्रत, जानें इसके अलग-अलग प्रकार एक नहीं कई तरह के होते हैं फास्ट, जानें इसके लिए विभिन्न प्रकार लोग अक्सर अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए उपवास रखते हैं। हालांकि, धार्मिक मान्यताओं के अलावा अन्य वजहों से भी फास्टिंग की जाती है।आइए जानते हैं फास्टिंग के विभिन्न प्रकारों के बारे में इंटरमिटेंट फास्टिंग इन दिनों वजन घटाने के लिए लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है। वेट लॉस के लिए इसका चलन लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बीच हाल ही में इसे लेकर एक स्टडी सामने आई है, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस अध्ययन में यह सामने आया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से एक मजबूत मेमोरी को बढ़ावा मिलता है और यह अल्जाइमर के लक्षण को कम करने में मदद करता है।

फास्टिंग, जिसे व्रत या उपवास के नाम से भी जाना जाता है, अपनी इच्छा से खाना छोड़ने की एक प्रक्रिया है। इसका अभ्यास विभिन्न कारणों जैसे धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य संबंधी कारणों से किया जाता रहा है। फास्टिंग के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं, जिनके अपने अलग-अलग फायदे होते हैं। आइए जानते हैं फास्टिंग के इन अलग-अलग प्रकारों के बारे में इंटरमिटेंट फास्टिंग यह फास्टिंग का सबसे लोकप्रिय प्रकार है। इन दिनों दुनियाभर में कई लोग मोटापे का शिकार होते जा रहे हैं। ऐसे में वजन घटाने के लिए इसका चलन काफी बढ़ गया है। इसमें लोग अपनी डाइट को एक तय समय के लिए सीमित करते हैं और फिर ज्यादा समय तक भूखे रहते है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में का सबसे लोकप्रिय तरीका 16:8 है, जिसमें 16 घंटे उपवास करने के बाद 8 घंटे में खाते-पीते हैं। इस 16 घंटे के उपवास के दौरान सिर्फ पानी, ब्लैक कॉफी या बिना चीनी या दूध की चाय पी जा सकती है। एक्सटेंडेड फास्टिंग उपवास के इस प्रकार में लंबी अवधि तक भूखा रहा जाता है। इस दौरान लोग आमतौर पर 24 से 72 घंटे या उससे अधिक समय तक उपवास रखते हैं। ज्यादातर लोग स्वास्थ्य लाभ जैसे ऑटोफैगी या वजन कम करने के लिए एक्सटेंडेड फास्टिंग करते हैं।

वॉटर फास्टिंग वॉटर फास्टिंग भी उपवास करने का एक प्रचलित तरीका है, जिसमें खाना छोड़कर सिर्फ पानी पिया जाता है। वॉटर फॉस्टिंग 24 घंटे से लेकर 3 दिन तक का हो सकता है। आमतौर पर लोग इसे भी वजन घटाने के लिए भी करते हैं। वहीं, कुछ लोग धार्मिक मान्यताओं के चलते भी यह उपवास रखते हैं। पार्शियल फास्टिंग फास्टिंग के इस प्रकार में पूरी तरह से भूखा नहीं रहा जाता है, बल्कि कुछ खास तरह के फूड आइटम्स और कैलोरीज से परहेज किया जाता है। इसका एक उदाहरण डैनियल फास्ट है, जिसमें लोग एनिमल प्रोडक्ट, प्रोसेस्ड फूड्स और मीठे आदि से बचते हैं। रिलीजियस फास्टिंग फास्टिंग का सबसे आम प्रकार रिलीजियस फास्टिंग है, जिसे कई धर्म के लोग एक आध्यात्मिक अभ्यास के रूप में शामिल करते हैं। इस दौरान लोग अपनी-अपनी मान्यताओं के मुताबिक बिना खाएं-पिएं उपवास रखते हैं और फिर उसी मान्यता के अनुसार खाना खाते हैं।

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