जानिए देश के उन मॉर्डन गांवों के बारे में....
आमतौर पर शहरों को गावों से सुपीरियर माना जाता है. गांवों की अपेक्षा शहरों में रहने की सुविधा ज्यादा बेहतर होती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमतौर पर शहरों को गावों से सुपीरियर माना जाता है. गांवों की अपेक्षा शहरों में रहने की सुविधा ज्यादा बेहतर होती है. वहीं शहर में तकनीक का विकास भी काफी तेजी से देखने को मिलता है. क्या आप जानते हैं कि भारत के कुछ गांवों का नाम मॉडर्न गांवों (Modern Villages) की फेहरिस्त में शुमार है. जी हां, इन गांवों में हुए तकनीकी विकास ने शहर की टेक्नोलॉजी को भी मात दे दी है. दरअसल जब बात गांव की आती है तो ज्यादातर लोग गांवों को शहरों की तुलना में पिछड़ा और कम विकसित करार देते हैं. बेशक देश के कई गांवों में बिजली, पानी और सड़क जैसी बेसिक संसाधनों की कमी है. बावजूद इसके देश में कुछ गांव ऐसे भी हैं, जिन्होंने नई टेक्नोलॉजी को अपनाकर न सिर्फ खुद को विकसित बनाया है बल्कि शहर की तकनीक को भी काफी पीछे छोड़ दिया है. तो आइए जानते हैं देश के उन मॉर्डन गांवों के बारे में.