जानिए दक्षिण भारतीय व्यंजन ‘रसम’ के बारे में

Update: 2023-07-10 13:09 GMT
दक्षिण भारतीय व्यंजनों में रसम का सदियों से ख़ास स्थान रहा है. ‘रसम’ रस शब्द का अनुवाद है, जिसका शाब्दिक अर्थ है पानी. दक्षिण भारत सहित कई राज्यों में रसम को सूप और करी के रूप में परोसा जाता है. कई सारे फ़्लेवर और पोषक तत्वों से भरपूर रसम में बहुत सारी सब्ज़ियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिस वजह से इसे सुपरफ़ूड की कैटेगरी में रखा जाता है.
वैसे तो दक्षिण भारत में रसम के 220 प्रकार हैं, लेकिन टमाटर रसम ज़्यादा लोकप्रिय है. पारंपरिक रसम, दाल, टमाटर और इमली के खट्टे पानी से तैयार किया जाता है, जिसमें लहसुन, धनिया, काली मिर्च, हल्दी, करी पत्ता और लाल मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा रसम को सहजन (ड्रमस्टिक), नीम के फूल, आंवला, अदरक और नींबू के इस्तेमाल से भी बनाया जाता है. गुड़ और अनन्नास डालकर तैयार किए गए मीठे रसम भी लोग पसंद करते हैं. अगर आप नॉनवेज के शौक़ीन हैं, तो चिकन और मटन का इस्तेमाल करके भी नॉनवेज रसम तैयार कर सकते हैं.
रसम में फ़ाइबर से भरपूर इमली का बहुत इस्तेमाल किया जाता है, जो पाचन संबंधी परेशानियों को कंट्रोल करके कब्ज़, एसिडिटी सहित पेट की अन्य समस्याओं को दूर करने में मदद करती है. रसम में शरीर और त्वचा को युवा रखने वाले ऐंटी-ऑक्सिडेंट गुण भी मौजूद होते हैं. इसमें थियामिन, विटामिन सी और फ़ोलिक एसिड और मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन सहित कई खनिज होते हैं. इसमें इस्तेमाल की गई काली मिर्च मेटाबॉलिज़्म बढ़ाने के साथ वज़न कम करने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती है.
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