सफलता की कुंजी: धन की बचत करने के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरुरी

सफलता की कुंजी

Update: 2021-06-11 15:14 GMT

Safalta Ki Kunji: सफलता की कुंजी कहती है कि धन संकट के समय मित्र की भूमिका निभाता है. जो लोग धन का संचय करते हैं, उन्हें बुरे वक्त में अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को धन के महत्व को पहचानना चाहिए. जो लोग धन का प्रयोग सोच समझ कर नहीं करते हैं और आय से अधिक धन का व्यय करते हैं, वे आगे चलकर परेशानियों का सामना करते हैं. चाणक्य ने लक्ष्मी जी को धन की देवी बताया है. विद्वानों के अनुसार लक्ष्मी जी का स्वभाव बहुत ही चंचल है.

धन आने पर व्यक्ति की धीर और गंभीर हो जाना चाहिए. जो व्यक्ति धन आने पर अपनी जिम्मेदारियों और लक्ष्य को भूल जाता है, उसे समय आने पर दिक्कतें उठानी पड़ती हंै. धन आने पर व्यक्ति को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से शत्रुओं की संख्या में वृद्धि होती है. प्रतिद्वंदी सक्रिय हो जाते हैं.
गीता में भगवान श्रीकृष्ण भी कहते हैं व्यक्ति को अहंकार से दूर रहना चाहिए. अहंकार व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है. अहंकार सबकुछ नष्ट कर देता है. अहंकारी व्यक्ति को कहीं भी सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता है. धन के चले जाने पर इनके करीबी इनसे दूरी बना लेते हैं. इसलिए धन के मामले में इन बातों का ध्यान रखें-
आय से अधिक धन का व्यय न करें
विद्वानों का मानना है कि व्यक्ति को धन के मामले में सजग रहना चाहिए. धन संकट से बचाता है. इसका प्रयोग सावधानी और जरूरत के अनुसार करना चाहिए. जो लोग धन की बचत नहीं करते हैं, वे धन को लेकर आगे चलकर परेशानी उठाते हैं. आय से अधिक धन का व्यय मानसिक परेशानी का कारण भी बनता है.
धन को सुरक्षित रखें
धन की बचत करनी चाहिए. धन की बचत एक अच्छी आदत है. इसे अपनाना ही चाहिए. धन होने पर व्यक्ति का आत्मविश्वास बना रहता है. आत्मविश्वास ही व्यक्ति को लक्ष्य तक ले जाता है. धन की रक्षा करनी चाहिए और धन के महत्व को जानना चाहिए.
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