सिर्फ एक चुटकी अश्वगंधा यौन क्षमता को बढ़ाने में करता है मदद, सेवन से होते है और भी ढेरों फायदे

Update: 2024-04-22 06:16 GMT
अश्वगंधा एक तरह की औषधि है, जो कई तरह की लाइलाज बीमारियों में कारगर मानी गयी है। अश्वगंधा का प्रयोग कई रोगों में किया जाता है। अश्वगंधा का प्रयोग मोटापा घटाने, बल और वीर्य विकार को ठीक करने के लिए किया जाता है। असली अश्वगंधा की पहचान करने के लिए इसके पौधों को मसलने पर घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती है। अश्वगंधा की ताजी जड़ में यह गंध अधिक तेज होती है। वन में पाए जाने वाले पौधों की तुलना में खेती के माध्‍यम से उगाए जाने वाले अश्‍वगंधा की गुणवत्‍ता अच्‍छी होती है। तेल निकालने के लिए वनों में पाया जाने वाला अश्‍वगंधा का पौधा ही अच्‍छा माना जाता है। आयुर्वेद में अश्‍वगंधा का इस्‍तेमाल अश्वगंधा के पत्‍ते, अश्वगंधा चूर्ण (Ashwagandha Powder) के रुप में किया जाता है। अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्नीफेरा है और इसे विंटर चैरी और इंडियन गिनसेंग के नाम से जाना जाता है। यह आमतौर पर भारत और उत्तरी अफ्रीका में उगाया जाता है। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में अश्वगंधा के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में बताते हैं..
रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए मजबूत
अगर हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है तो हम बिमारियों से बचे रहते है। अश्वगंधा में ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स और ऐंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती हैं। जिससे आप मौसमी बीमारियों से भी बच सकते हैं।
तनाव को कम कर डिप्रेशन से रखे दूर
अश्वगंधा कोर्टिसोल हार्मोन को नियंत्रित करता है जो तनाव के स्तर को बढ़ाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अश्वगंधा के इस्तेमाल से 60% तनाव को खत्म किया जा सकता है। ऐसे में नियमित तौर पर एक चुटकी अश्वगंधा का सेवन अवश्य करें।
पेट की बीमारी
अश्वगंधा चूर्ण का सेवन पेट के रोगों से भी आपको छुटकारा दिलाता है। पेट की बीमारी में आप अश्वगंधा चूर्ण का प्रयोग कर सकते हैं। अश्‍वगंधा चूर्ण में बराबर मात्रा में बहेड़ा चूर्ण मिला लें। इसे 2-4 ग्राम की मात्रा में गुड़ के साथ सेवन करने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
अश्वगंधा पुरुषों के लिए कमाल
अश्वगंधा पुरुषत्व बढ़ाने के लिए रामबांण सिद्ध होता है तथा बांझपन की समस्या से निजात दिलाता है।
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